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नौकरी की मांग कर रहे विभिन्न अभ्यर्थी के लिए पूर्व की सरकार दोषी, CM के सामने रखेंगे समस्या: रामेश्वर उरांव

रांची में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से पंचायत समिति और गृहरक्षा वाहिनी समेत कई अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने नौकरी को लेकर उनके सामन समस्याओं को रखा. उनकी बातों को सुना और कहा है कि उनकी बातों को पार्टी की ओर से सरकार के समक्ष रखा जाएगा और जो भी समस्याएं हैं. उसके समाधान के लिए रास्ता निकाला जाएगा.

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Published : Oct 25, 2020, 8:05 PM IST

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प्रतिनिधिमंडल की बात सुनते मंत्री रामेश्वर उरांव

रांची: पंचायत समिति, गृहरक्षा वाहिनी, जैप, सफल कारावाहन चालक, आरक्षी बहाली अभ्यर्थी का अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल ने नौकरी की मांग को लेकर रविवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से मुलाकात की. इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, राजेश गुप्ता छोटू समेत पार्टी के नेता मौजूद रहे.

जानकारी देते मंत्री व अन्य

इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को सुना और कहा है कि उनकी बातों को पार्टी की ओर से सरकार के समक्ष रखा जाएगा और जो भी समस्याएं हैं. उसके समाधान के लिए रास्ता निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार रहे, वह पारदर्शी होनी चाहिए. अगर नौकरी के लिए रिक्त स्थान 100 है तो उतना ही बताना चाहिए ना कि उससे ज्यादा और ना ही किसी को उम्मीद बंधवानी चाहिए.


उन्होंने पूर्व की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब रिक्त स्थान नहीं थे तो उन्हें विज्ञापन नहीं निकाला चाहिए था, परीक्षा नहीं लेनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि इस तरह किसी सरकार को खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. पारदर्शी सरकार होनी चाहिए, सरकार के प्रति गलतफहमी नहीं होनी चाहिए और बेकार की उम्मीद नहीं बंधवानी चाहिए. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने बताया कि नौकरी की मांग कर रहे अभ्यर्थियों से 15 नवंबर तक का समय मांगा गया है. उस दौरान कृषि मंत्री बादल मुख्यमंत्री के समक्ष उनकी समस्याओं को रखेंगे. इसके लिए उन्हें अधिकृत किया गया है.

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वहीं उन्होंने वर्तमान में आसमान छू रहे प्याज की कीमत को लेकर केंद्र सरकार के नीति को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ प्याज की कीमत बढ़ी है. लेकिन नई कृषि नीति वापस नहीं होती है तो आने वाले समय में चावल और गेहूं की कीमत भी बढ़ेगी. क्योंकि व्यापारी किसानों को खाद-बीज नहीं देंगे बल्कि फसल कम कीमत पर खरीदेंगे और महीनों रखने के बाद अधिक कीमत पर बेचेंगे. उन्होंने कहा कि किसान और सामान खरीदने वाले ग्राहक ठीक हैं लेकिन बीच के व्यवसाई अच्छे नहीं है. यह केंद्र सरकार को समझने की जरूरत है.

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