रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने बुधवार को भाजपा कार्यकर्ताओं को लाठी-डंडे से खदेड़ने वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री संवैधानिक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भूल रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री दोनों उपचुनाव में महाठगबंधन उम्मीदवार की करारी हार देखते हुए भाषा की नीचता पर उतर आए हैं. स्वस्थ लोकतंत्र में स्वस्थ भाषा की उम्मीद की जाती है लेकिन मुख्यमंत्री भाषा की मर्यादा तोड़ रहे हैं.
दीपक प्रकाश ने कहा कि लाठी-डंडे की बात कर मुख्यमंत्री राज्य में हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री अगर ऐसी भाषा का प्रयोग करेंगे तो फिर छोटे कार्यकर्ताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने कहा कि भाजपा का यह आरोप की राज्य सरकार के इशारे पर और संरक्षण में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही है, आज सच साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह सरकार हिंसा, तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार, लूट-खसोट पर टिकी हुई सरकार है. उन्होंने कहा कि झारखंड को लूटनेवाले एक सजायाफ्ता कैदी की सेवा करना ही यह सरकार अपना राजधर्म समझती है. यह सरकार महिलाओं को थाने में पिटवाना, बेरोजगारों पर लाठीचार्ज करवाना, युवाओं की नौकरी छीनना ही अपना कर्तव्य समझती है.
उन्होंने आगे कहा कि हेमंत सरकार हिंसा को बढ़ावा देगी, इसका प्रमाण इसके पहले कैबिनेट से ही मिल गया है. पहली कैबिनेट में ही इस सरकार ने राष्ट्र विरोधी लोगों के मुकदमे वापस लिए. आज उग्रवादी-नक्सली फिर से राज्य को अशांत करने में जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वारियर्स पर थूकने वाले, डॉक्टर्स नर्सेज को अपमानित करने वालों के सामने यह सरकार मूकदर्शक बनी रही. लेकिन राज्य आंदोलन से लेकर राज्य निर्माण और फिर राज्य के विकास के लिए तत्पर भाजपा कार्यकर्ताओं को लाठी से पिटवाने की बात करते हैं.