रांचीः कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सजग है. राजधानी में भी प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. जिले के उपायुक्त राय महिमापत रे की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. डीसी रे ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि जिला के सभी अस्पतालों के लिए वैधानिक आदेश जारी किया जाएं, जिसमें किसी भी अस्पताल में सांस से संबंधित बीमारियों को लेकर आने वाले मरीजों का निश्चित रूप से कोरोना टेस्ट करवाने का निर्देश लिखित हो. साथ ही इससे संबंधित अपडेट सिविल सर्जन ऑफिस को उपलब्ध कराया जाए.
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साथ ही जिला के सभी स्कूलों में कोरोना से संबंधित जागरुकता बढ़ाने के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक से सामंजस्य स्थापित कर पंपलेट वितरण करने को कहा गया है. इसके साथ-साथ जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को एक पत्र निकाल कर सभी सार्वजनिक स्थानों खासकर रेस्टोरेंट, फूड आउटलेट या ऐसे स्थान जहां ज्यादा लोगों की भीड़ जमा होती हो, वहां सैनिटाइजर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है.
डीसी ने अस्पतालों के लिए जारी किए निर्देश. वहीं, सिविल सर्जन कार्यालय और अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय की ओर से एक-एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाने की बात कही गई है. जिस पर कॉल कर आम जनता कोरोना से संबंधित किसी भी प्रकार के मदद के लिए कॉल कर सकेंगे. साथ ही मास्क और सैनिटाइजर की कालाबाजारी से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकेंगे. इसके साथ ही एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर बाहर से आने वाले यात्रियों का रिकॉर्ड दर्ज करने और संदिग्ध हों, तो जरूरी जांच करवाने की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है.
गौरतलब है कि उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भारत के राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित करते हुए मास्क और सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के संबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है, जिस पर संज्ञान लेते हुए सदर एसडीओ लोकेश मिश्रा ने संबधित आदेश जारी कर दिया है. इसमें किसी भी व्यक्ति, व्यवसायी और संस्था के मास्क की जमाखोरी, वितरण या बिक्री में अनियमितता पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत 2प्लाई, 3प्लाई सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क और हैंड सैनिटाइजर की ब्लैक मार्केटिंग करते हुए पाए जाने पर संबंधित धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.