रांची: थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के बेहतर इलाज के लिए रांची का सदर अस्पताल राज्य के गरीब मरीजों के लिए वरदान साबित होता दिख रहा है. थैलेसीमिया जैसे रक्त संबंधी विकारों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने सदर अस्पताल को सभी जरूरी संसाधनों से सुसज्जित किया है. जहां दवाओं के साथ-साथ रक्त भी नि:शुल्क प्रदान किया जाता है. रांची के सिविल सर्जन डॉक्टर बीवी प्रसाद ने बताया कि सदर अस्पताल में बना डे केयर सेंटर में बेहतर सुविधाएं मरीजों को राहत पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.
रांचीः थैलेसीमिया ग्रसित बच्चों के लिए सदर अस्पताल में बना डे-केयर सेंटर, पड़ोसी राज्यों से भी पहुंच रहे मरीज
रांची सदर अस्पताल को राज्य सरकार ने थैलेसीमिया जैसे रक्त संबंधी विकारों के इलाज के लिए जरूरी संसाधनों से सुसज्जित किया है. यहां दवाओं के साथ-साथ रक्त भी नि:शुल्क प्रदान किया जा रहा है. खासकर बच्चों के लिए यहां खास प्रबंध किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि सेंटर में बच्चों के इलाज के साथ-साथ उनके मनोरंजन का भी ख्याल रखा गया है. इंडोर खेल का मैदान भी विकसित किया जा रहा है. यह इंडोर प्ले कॉर्नर उन बच्चों के लिए एक सकारात्मक स्थान के रूप में कार्य करता है जो बच्चे रक्त विकारों और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचते हैं. रांची के सदर अस्पताल में फिलहाल 100 बेड की क्षमता के साथ डे-केयर सेंटर सफलतापूर्वक चल रहा है. सरकार राज्यवासियों को विश्व स्तर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में काम भी कर रही है.
डे केयर सेंटर में बच्चों के अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के उपाय किए गए हैं. बच्चों के लिए आरामदायक कमरे, दीवारों पर सुंदर पेंटिंग, सुलभ वॉलपेपर और टेलीविजन लगाए गए हैं. बच्चों को पौष्टिक भोजन, अनुकूल कमरे के साथ-साथ चाइल्ड फ्रेंडली नर्स और डॉक्टर भी यूनिट में प्रतिनियुक्त किए गए हैं. साथ ही डे केयर सेंटर में जिस नर्स को नियुक्त किया गया है उसे बच्चों के देखभाल के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है ताकि यह सभी रक्त विकार से पीड़ित थैलेसीमिया के बच्चों के लिए अनुरूप माहौल बनाने में मदद करें.
डे केयर सेंटर में ज्यादातर राज्य के गरीब मां-बाप पहुंचते हैं जो अपने बच्चे का समुचित इलाज निजी अस्पतालों में नहीं करा पा रहे हैं, इसीलिए सदर अस्पताल का डे केयर सेंटर गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित होता दिख रहा है. साथ ही साथ रांची के सदर अस्पताल में बने डे केयर सेंटर की व्यवस्था को देखते हुए सिर्फ झारखंड के विभिन्न राज्यों से ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से भी लोग अपने बच्चों का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. मालूम हो कि थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है जो कि सिर्फ बच्चों में पाई जाती है और इसके लिए बच्चों को समय-समय पर रक्त भी चढ़ाया जाता है.