रांची: कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. अप्रैल 2021 में सब कुछ शांत था. ऐसा लग रहा था कि अब हमने कोरोना पर जीत पा ली. लेकिन अचानक से मौत बनकर कोरोना वायरस टूट पड़ा था. उस समय का अनुभव यही सीख देता है कि भले ही अभी राज्य में सबकुछ ठीकठाक लग रहा हो. लेकिन खतरा टला नहीं है. राज्य में अभी भी कोरोना कवच से 1.19 करोड़ लोग दूर हैं. राज्य में 18 वर्ष से ऊपर वाले करीब 2.47 करोड़ लोगों को वैक्सीन (Vaccination) लगाना बाकी है.अभी तक 52% लोगों ने ही वैक्सीन का पहला डोज लिया है.
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देशभर के साथ झारखंड में भी 16 जनवरी 2021 से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन से निर्णायक जंग की शुरुआत हुई थी. पहले हेल्थ केयर वर्कर, फिर फ्रंट लाइन वर्कर और उसके बाद 45 प्लस वालों को वैक्सीनेट करने के बाद 01 मई से 18 प्लस वालों का भी टीकाकरण किया जाने लगा. कोरोना वैक्सीनेशन के 8 महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी राज्य में 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले 2 करोड़ 47 लाख 41 हजार 404 लोगों में 21 सितम्बर तक महज 01 करोड़ 28 लाख 24 हजार 878 लोगों को ही वैक्सीन का पहला डोज दिया जा सका है. यानि राज्य में 01 करोड़ 19 लाख 16 हजार 526 लोग अभी भी कोरोना वैक्सीन के पहले डोज से वंचित हैं.
दूसरे डोज लेने वालों की स्थिति और खराब
सरकारी आंकड़े के अनुसार ही राज्य में वैक्सीन का पहला डोज लेने वालों 01 करोड़ 28 लाख 24 हजार 878 लोगों में से 56 लाख 24 हजार 221 ऐसे लोग हैं, जिनको दूसरा डोज लेने का वक्त आ गया है. लेकिन सिर्फ 36 लाख 30 हजार 442 लोगों ने ही वैक्सीन का दूसरा डोज लिया है. 19 लाख 93 हजार 779 लोग ऐसे हैं जिन्हें पहला डोज लेने के बाद दूसरा डोज लेने का वक्त आ गया. लेकिन उन्होंने वैक्सीन नहीं ली.
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राज्य में आधे से अधिक युवाओं ने नहीं लिया है पहला डोज
झारखंड में कोरोना के टीकाकरण के मामले में हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर देशभर में बेहतर स्थिति में हैं. वहीं 18 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक के वर्ग में 01 करोड़ 57 लाख 34 हजार 625 लोगों में सिर्फ 75 लाख 45 हजार 270 (48%) लोगों ने ही वैक्सीन ली है. इसी तरह 45 प्लस वाले 5155115 लोगों में 2873008 ( 56%) और बुजुर्ग यानि 60 प्लस वाले 3231564 लोगों में 1833091 ( 57% ) लोगों ने पहला टीका लिया है.
दूसरा डोज लेने वालों में बुजुर्ग पीछे
कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को होता है. जिसमें प्रतिरक्षा शक्ति ( Immuno power) कम होता है, या कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं. इस लिहाज से बुजुर्ग ज्यादा खतरे वाले श्रेणी में आते हैं. बावजूद इसके राज्य में 670239 (46 %) बुजुर्गों ने वैक्सीन का दूसरा डोज समय आने पर भी नहीं लिया है. इसी तरह 18 प्लस के 612318 (38% ) और 45 प्लस के उम्र वाले 598608 (35%) लोगों ने पहला डोज लेने के बाद दूसरा डोज नहीं लिया है.
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