रांची: शातिर साइबर अपराधी इन दिनों कोरोना का नाम लेकर लोगों को अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. यहां तक कि पीएम केयर्स की यूपीआई आईडी से मिलता-जुलता आईडी बनाकर भी ठगी का प्रयास किया जा रहा है. झारखंड के हजारीबाग में पीएम केयर्स फंड के नाम पर 51 लाख की ठगी कर ली गई. झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर अपराधियों के लिए खासा बदनाम है. इसलिए पुलिस साइबर अपराधियों के जामताड़ा लिंक को भी खंगाल रही है.
12 सदस्यीय साइबर एक्सपर्ट टीम कर रही मॉनिटरिंग
ऐसी कुछ शिकायतें आने के बाद झारखंड की साइबर क्राइम सेल सक्रिय हो चुकी है. साइबर एक्सपर्ट की एक पूरी टीम साइबर अपरधियों पर नकेल कसने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है. रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि इन दिनों साइबर अपराधी कोरोना वायरस से बचाव के लिए सहायता राशि प्रदान किए जाने, ईएमआई की तारीख बढ़ाए जाने और शराब की ऑनलाइन बिक्री का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में फोन पर इस प्रकार की बातें करके एटीएम कार्ड या बैंक संबंधी जानकारी मांगने वालों से लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. लिहाजा इन दिनों ऐसी कोई कॉल आने पर आप पूरी तरह सजग रहें और एटीएम कार्ड नंबर, ओटीपी या बैंक से जुड़ी कोई जानकारी फोन पर किसी अजनबी से साझा न करें. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम सेल ऐसे अपराधियों के बारे में गहनता से छानबीन कर रही है.
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कैसे कर रहे हैं ठगी
कोरोना संकट आने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत कोष का नाम 'PMCARES@SBI' रखा था. लेकिन साइबर अपराधियों ने इस शब्द में से 'S' हटाकर 'PMCARE@SBI' नाम का एक फर्जी अकाउंट बना लिया है और आम लोगों से इस अकाउंट में पैसे जमा करने की अपील भी कर रहे हैं. झारखंड सहित देश के कई हिस्सों में लोगों ने फर्जी अकाउंट में पैसे भी डाल दिए हैं. अब पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि वो पैसे दान करने से पहले अच्छी तरह से अकाउंट की जांच पड़ताल कर लें. तब ही पैसे ट्रांसफर करें, ताकि इन पैसों को जरुरतमंदों तक पहुंचाया जा सके.