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साइबर अपराधियों के निशाने पर झारखंड के DGP, फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर मांगे जा रहे पैसे - create fake facbook id of dgp jharkhand

दिन-ब-दिन साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. कई लोगों की फर्जी प्रोफाइल बनाने के बाद अब साइबर अपराधियों ने झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा का फर्जी प्रोफाइल बना लिया है. अपराधियों ने फर्जी एकाउंट के जरिए कर कई लोगों से पैसे भी मांगे. फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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नीरज सिन्हा का बनाया गया फर्जी एकाउंट

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Published : May 18, 2021, 1:24 PM IST

रांची: फेसबुक में फर्जी प्रोफाइल बनाकर पैसे मांगने वाले गिरोह की सक्रियता कम नहीं हो रही है. साइबर अपराधियों ने इस बार झारखंड पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी नीरज सिन्हा के नाम पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर पैसे की मांग की है. फर्जी प्रोफाइल से डीजी के परिचितों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजे गए थे. फर्जी प्रोफाइल बनाने के लिए उनकी असल प्रोफाइल के तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था. मामला सामने आने के बाद डीजी ने अपने परिचितों से इससे सावधान रहने की अपील की है.

नीरज सिन्हा का फर्जी एकाउंट

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अब तक पकड़ा नहीं गया गिरोह

साइबर अपराधियों ने अब तक कई आईपीएस और पुलिस अधिकारियों के नाम पर फर्जी प्रोफाइल बनाये हैं. इससे पहले कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह, रांची डीसी छवि रंजन, बोकारो एसपी चंदन झा, सीआईडी एडीजी के एनजीओ प्रभारी अमरेंद्र कुमार वर्मा, रिटायर्ड डीजीपी बिभूति प्रधान, रिटायर डीएसपी अरविंद कुमार सिन्हा समेत एक दर्जन से अधिक अफसरों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर फर्जी प्रोफाइल बनायी गई थी. लेकिन अब तक किसी भी मामले में एक भी साइबर अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.

फर्जी एकाउंट से मांगे जा रहे हैं पैसे

हाल में इन अफसरों के नाम पर भी बने फर्जी एकाउंट

बेखौफ साइबर अपराधियों ने सीआइडी एडीजी अनिल पाल्टा के एनजीओ प्रभारी अमरेंद्र कुमार वर्मा, डीएसपी मो. नेहाल, डीएसपी कमल किशोर, झारखंड पुलिस के इंस्पेक्टर और वर्तमान में ईडी में प्रतिनियुक्त अनिल सिंह के फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाकर पैसे की मांग की गई थी. इससे पहले साइबर‌ अपराधियों ने कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह की तस्वीरों का इस्तेमाल कर दो अलग अलग प्रोफाइल बनाए थे. इसके बाद डीआईजी कोल्हान ने फेसबुक पोस्ट लिखकर खुद इस बात की जानकारी दी थी कि उनकी तस्वीरें चुराकर फर्जी प्रोफाइल बनायी गई है.

कैसे करते हैं ठगी

साइबर अपराधी फेसबुक के असल प्रोफाइल की तस्वीरें इस्तेमाल कर हू ब हू नई प्रोफाइल बनाते हैं. इसके बाद संबंधित व्यक्ति के फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है. फेसबुक फ्रेंड बनने के बाद अस्पताल में इमरजेंसी की बात कह 10 से 20 हजार रुपये की मांग मोबाइल एप के जरिए की जाती है. बता दें कि लॉकडाउन के बाद फेसबुक के जरिए ठगी का ट्रेंड काफी बढ़ा है.

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