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नक्सल ऑपरेशन में बेगुनाह ग्रामीण की हत्या का मामला, आरोपी CRPF अधिकारी की होगी गिरफ्तारी

नक्सल ऑपरेशन में बेगुनाह ग्रामीण की हत्या के आरोपी सीआरपीएफ अधिकारी की गिरफ्तारी जल्द होगी. सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास के खिलाफ वारंट जारी किया गया है.

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सीआईडी रांची

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Published : Oct 8, 2020, 10:09 PM IST

रांची:नक्सल ऑपरेशन के दौरान बेगुनाह ग्रामीण को मारने वाले सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास को गिरफ्तार किया जाएगा. गुरुवार को सीआईडी ने इस मामले में चाईबासा कोर्ट से सीआरपीएफ अधिकारी के खिलाफ वारंट हासिल किया है. इससे पूर्व सीआईडी ने ग्रामीण मंगल होनहागा की हत्या के मामले में सीआरपीएफ अधिकारी को दोषी पाया था.

सीआईडी ने की मामले की जांच
अगस्त महीने में सीआईडी ने सीआरपीएफ अधिकारी के गिरफ्तारी के लिए चाईबासा कोर्ट में वारंट के लिए आवेदन दिया था. साल 2011 में झारखंड में सुरक्षाबलों पर मंगल होनहागा की हत्या का आरोप लगा था. कई सालों से केस सीआईडी के ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. लेकिन सीआईडी एडीजी बनने के बाद अनिल पालटा ने इस मामले में हत्याकांड के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी मो नेहाल के नेतृत्व में टीम गठित की थी. मंगल होनहागा की हत्या का मामला काफी विवादित रहा था. तब तत्कालीन जोनल आईजी रेजी डुंगडुंग ने मामले में सीआरपीएफ और पुलिस की भूमिका गलत पायी थी. इसके बाद सीआईडी जांच के आदेश दिए गए थे.

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पूछताछ में नहीं आए शंभू कुमार विश्वास
मामले की जांच के दौरान सीआईडी ने पूछताछ के लिए शंभू कुमार विश्वास को नोटिस भेजा था. लेकिन वह नोटिस मिलने के बाद सीआईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. बयान में दूसरे सीआरपीएफ कर्मियों ने इस बात की पुष्टि की है कि असिस्टेंट कमांडेंट के हथियार से चली गोली से ही मंगल होनहागा की मौत हुई थी. सीआईडी अधिकारियों के मुताबिक, शंभू कुमार विश्वास की गिरफ्तारी के लिए सीआरपीएफ मुख्यालय को भी मामले की पूरी जानकारी दी जाएगी.

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क्या है मामला
चाईबासा के घोर नक्सल प्रभाव वाले सारंडा के बलिबा गांव में ग्रामीण मंगल होनहागा की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड के बाद ग्रामीण सीआरपीएफ पर हत्या का आरोप लगाते थे, जबकि हत्याकांड के बाद 30 जून 2011 को सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास ने छोटानागरा थाने में एक एफआईआर दर्ज करवायी थी. एफआईआर में मंगल होनहागा की हत्या का आरोप 100 अज्ञात माओवादियों पर लगाया गया था. मंगल होनहागा की पत्नी मंगरी होनहागा ने पूर्व में दिए बयान में बताया था कि 28 जून 2011 को उसके पति खेत से काम कर लौटे थे. इसी दौरान सीआरपीएफ और पुलिस के जवान बलिबा गांव में आए. 20-22 ग्रामीण लोगों के हाथ पीछे बांध दिए गए थे. पूरी रात खुले आसमान के नीचे सभी को रखा गया. 29 जून 2011 को सुरक्षाबल के लोग सभी को पैदल जंगल के रास्ते ले गए. एक जुलाई को बाहदा जंगल में मंगल होनहागा को गोली मार दी गई, जिससे मंगल की मौत हो गई.

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