झारखंड

jharkhand

By

Published : Dec 8, 2021, 4:21 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 4:42 PM IST

ETV Bharat / city

चोरी के वाहनों का नंबर प्लेट बदलकर अपराधी चला रहे गोरखधंधा, असम-नागालैंड की गाड़ियों का झारखंड में इस्तेमाल

झारखंड के तस्कर अब बेहद ही शातिर हो गए हैं. वे चोरी के वाहनों का नंबर प्लेट बदलकर गोरखधंधा कर रहे हैं. अपराधी ना सिर्फ चोरी की गाड़ियों से कोयले की तस्करी करते हैं बल्कि अवैध शराब की सप्लाई भी इन्हीं चोरी की गाड़ियों से होती है जिसने नंबर प्लेट बदले हुए होते हैं.

number plate of stolen vehicles
number plate of stolen vehicles

रांची:झारखंड में चोरी के वाहनों का नंबर प्लेट बदलकर कई तरह की हेराफेरी की जा रही है. टैक्स चोरी से लेकर मादक पदार्थों की तस्करी तक में चोरी के वाहन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस गोरखधंधे में चोरी की गाड़ियां तो शामिल है ही लेकिन कुछ ऐसी भी गाड़ियां शामिल हैं जिनके एक ही नंबर का इस्तेमाल पांच से ज्यादा वाहनों पर किया जा रहा है.


कोयला, शराब और मादक पदार्थो के लिए हो रहा इस्तेमाल
झारखंड में चोरी के वाहनों का नंबर प्लेट बदलकर गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा है. एक तरफ असम और नागालैंड से चोरी हुई गाड़ियों में झारखंड का नंबर लगाकर अवैध कोयला, शराब और नशीले पदार्थो की ढुलाई की जा रही है. तो दूसरी तरफ एक चालान के नंबर को पांच वाहनों में इस्तेमाल कर टैक्स की भी चोरी की जा रही है. दरअसल रांची पुलिस चोरी के वाहन से कोयला और मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर तफ्तीश में जुटी हुई थी. इसी बीच जांच टीम को यह जानकारी मिली कि रांची के कई थाना क्षेत्रों में हाल के दिनों में कई बड़े मालवाहक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उनके मालिक अपने वाहन के बारे में पूछने तक नहीं आए. रांची के नामकुम, खरसीदाग और टाटीसिलवे थाना क्षेत्र में कई दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के मालिक की खोज में जुटी पुलिस को यह पता चला कि जो गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त हुई थी वह चोरी की हैं और उसमें झारखंड के अलग-अलग जिलों के रजिस्ट्रेशन नंबर लगाकर अवैध कोयले की ढुलाई की जा रही थी. पुलिस ने इन तीन थाना क्षेत्र से ऐसी छह गाड़ियों को अलग-अलग स्थान से क्षतिग्रस्त हालत में बरामद किया. इन गाड़ियों की जांच में पुलिस को यह भी पता लगा है कि गाड़ियों के कागजात पूर्वत्तर भारत के हैं. मगर इन गाड़ियों को छुड़ाने के लिए वाहन मालिक अब तक थाना नहीं पहुंचे हैं.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें:बिहार में शराब तस्करी के लिए लूटे जा रहे झारखंड से वाहन, गिरोह के 4 अपराधी गिरफ्तार

चोरी की गाड़ी में हो रही अवैध सामानो की ढुलाई
रांची में चल रहे इन अवैध वाहनों से जहां राजस्व की क्षति हो रही है वहीं दूसरी तरफ अवैध माल की ढुलाई भी धड़ल्ले से हो रही है. जिसमे न सिर्फ अवैध खनन बल्कि नशे के सामान भी शामिल हैं.

लग्जरी वाहनों से भी तस्करी
एक तरफ जहां कोयला तस्करी के लिए चोरी के बड़े वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ गांजा और शराब की तस्करी के लिए लग्जरी वाहनों का प्रयोग झारखंड में तेजी से हो रहा है, ये सभी वाहन भी चोरी के हैं और सभी के नंबर प्लेट बदल कर तस्करी की जा रही है. दरअसल, लग्जरी वाहनों से शराब तस्करी के दौरान शक होने या फिर पकड़े जाने की आशंका कम रहती है. ऐसे वाहनों पर पुलिस और उत्पाद विभाग भी जल्द हाथ नहीं डालता. बाजार में भी अब ऐसे लग्जरी वाहन आ गए हैं, जिनमें स्पेस भी पर्याप्त रहता है. ऐसे में शराब और गांजा तस्करों के लिए ये वाहन तस्करी के अनुकूल साबित हो रहे हैं. पिछले दो महीने के दौरान दर्जनों शराब तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले रांची के रूरल एसपी नौशाद आलम के अनुसार अब शराब तस्करी का ट्रेंड बिल्कुल बदल गया है, लग्जरी वाहनों में शराब की तस्करी की जा रही है. वहीं चेकनाको पर भी पहले से ही शराब तस्करों के गुर्गे खड़े रहते हैं, अगर बहुत ज्यादा चेकिंग रहती है तो वह पहले से ही अपने साथियों को अलर्ट कर देते हैं जिसकी वजह से वह पकड़ में आने से बच जाते हैं. शराब तस्करी की इन वारदातों से यह साबित हो गया कि अब शराब तस्करों ने भी अपनी रणनीति बदल ली है. वे ट्रकों की जगह लग्जरी वाहनों में शराब की तस्करी करने लगे हैं.


झारखंड ट्रक ऑनर एसोसिएशन भी परेशान
ट्रकों के नंबर प्लेट बदल दिए जाने की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान झारखंड ट्रकआनर्स को हो रहा है. झारखंड ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित ओझा के अनुसार एक ही ट्रक का नंबर अलग-अलग वाहनों में इस्तेमाल की वजह से झारखंड के ट्रक ऑनर भी पुलिस के निशाने पर रहते हैं. ऐसे में झारखंड ट्रक एसोसिएशन भी इस मामले को लेकर अपनी तरफ से कार्रवाई कर रहा है ताकि तस्करी के इस धंधे पर ब्रेक लगे. दरअसल तस्कर इतने शातिर हैं कि वह झारखंड में वास्तविक दस्तावेजों के आधार पर चल रहे बड़े वाहनों के नंबर को नोट कर लेते हैं और फिर उन्हें चोरी के वाहनों पर लगा देते हैं जिसकी वजह से जब वाहन पुलिस के द्वारा पकड़ा जाता है तब पूछताछ के लिए ट्रक मालिक को बुलाया जाता है. भले ही जांच में मामला चोरी का निकलता है लेकिन इससे ट्रक ऑनर्स को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.

Last Updated : Dec 8, 2021, 4:42 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details