रांची: राजधानी में बाइकर्स गैंग के द्वारा चेन, मोबाइल, पर्स की स्नेचिंग की वारदातों को रोकने और संबंधित मामलों की समीक्षा डीआईजी रांची अमोल वी होमकर ने की है. समीक्षा के दौरान यह पाया गया है कि नशे के दौरान इन वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. जुआ और मटका में रुपए हारने के बाद अपराधी पैसे के लिए अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
रिपोर्ट में एकरूपता नहीं
समीक्षा के दौरान रांची के सिटी एसपी, डीएसपी स्तर के अधिकारियों और शहर के थानेदारों से ऐसी घटनाओं के संबंध में रिपोर्ट की मांग की गई थी. राज्य पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि स्नेचिंग के मामलों की समीक्षा के दौरान रांची के सिटी एसपी, सिटी, कोतवाली, हटिया और सदर के डीएसपी व थानेदारों के द्वारा जो प्रतिवेदन दिए गए हैं, उसमें एकरूपता नहीं है.
डीएसपी स्तर के अधिकारियों को अपने-अपने इलाके के एजेंडा के आधार पर प्रतिवेदन देना था, लेकिन डीएसपी स्तर के अधिकारियों के प्रतिवेदन एजेंडा के बिंदुओं के अनुरूप नहीं था. सात दिनों के भीतर विशेष अभियान चलाने का आदेश भी डीआईजी ने रांची पुलिस को दिया है.
कब-कब और कैसे हो रहा अपराध
आला अधिकारियों को भेजे गए समीक्षा रिपोर्ट में जिक्र है कि स्नेचिंग की घटनाओं को सुबह पांच से छह, दोपहर के दो से चार बजे और रात आठ से नौ बजे के बीच सर्वाधिक अंजाम दिया जा रहा है. अपराधी पल्सर, अपाची, हॉरनेट, केटीएम, यामहा आर1-5 बाइक का सर्वाधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. डीएसपी और थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि वह नए सिरे से अपराध के हॉट स्पॉट को चिन्हित करें.
थानेदारों को आदेश दिया गया है कि वह अपने-अपने इलाके में जुआ के अड्डों, मटका के ठिकानों को अविलंब बंद करवाएं. सिटी एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह शहर के इलाके में संबंधित अड्डे पर कार्रवाई करें. छापेमारी कर संबंधित इलाके के थानेदार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए एसएसपी के जरिए प्रतिवेदन भी भेजें.
तीन दिनों के भीतर अपराधियों का सत्यापन
डीआईजी ने जिले के थानेदारों, डीएसपी को निर्देश दिया है कि वह तीन दिनों के भीतर वैसे सारे अपराधकर्मियों को सत्यापित करें, जो बीते दो साल में ऐसे मामलों में पकड़े गए हैं. ऐसे अपराधकर्मियों की गतिविधि की रिपोर्ट भी एसएसपी के जरिए डीआईजी ने मांगी है.
टीम 1 यशोधरा, साइबर सेल डीएसपी
यह टीम तीन महीने में दर्ज स्नेचिंग के सारे कांड के खुलासे के लिए तकनीकी विश्लेषण करेगी. सभी डीएसपी को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने इलाके के घटनास्थल, अभियुक्तों के आने जाने के संभावित रास्तों, अपराध शैली की जानकारी साइबर सेल को दें.
टीम 2 अमित कुमार, सिटी डीएसपी रांची
सिटी डीएसपी के अधीन बनी टीम घटनास्थलों पर लगे सीसीटीवी फूटेज की जांच करेगी. सीसीटीवी से मिले सुराग के आधार पर जांच में टीम मदद करेगी.
टीम 3 प्रभात रंजन बरवार, हटिया डीएसपी
हटिया डीएसपी को जिम्मेदारी दी गई है कि वह कोरेक्स, डेड्राइड और ड्रग्स की बिक्री करने वाले दुकानों को चिन्हित कर कार्रवाई करेंगे. स्नेचिंग के घटनाओं में नशे का सेवन करने वाले युवाओं की भूमिका सामने आती है.