रांचीः राज्य में दमन विस्थापन सहित मॉब लिंचिंग जैसी समस्या को समाप्त करने के लिए झारखंड की भाकपा माले की ओर से बैठक की गयी. जिसमें यह तय किया गया कि 14 नवंबर को राजभवन के पास एक सामूहिक सम्मेलन (Mass Conference) किया जाएगा. जिसमें भाकपा माले के साथ मासस के नेता शामिल रहेंगे.
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इस बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (CPI-ML National General Secretary Dipankar Bhattacharya) ने बताया कि झारखंड के अलग हुए 21 साल हो गया और जिस उम्मीद के साथ झारखंड अलग हुआ था वह उम्मीद पूरा होते अब तक नहीं दिख रहा है. उन्होंने बताया कि 15 नवंबर को फादर स्टेन स्वामी को याद करते हुए अखिल भारतीय आदिवासी अधिकार सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा. दीपांकर भट्टाचार्य अगले 2 दिनों तक राज्य के वाम दल के नेताओं और भाकपा माले के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे, जिसमें आगे की राजनीतिक रणनीति तय की जाएगी.
भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि झारखंड में ज्यादातर समय भारतीय जनता पार्टी ने ही राज किया है. लेकिन उन्होंने कभी-भी झारखंड में विस्थापन मजदूरों की समस्या आदिवासियों की परेशानी को ध्यान नहीं दिया. यह पार्टी सिर्फ और सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का काम किया है. वहीं 14 साल में भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड को मॉब लिंचिंग का लैबोरेट्री भी बना दिया. लेकिन वर्ष 2019 के बाद कुछ तस्वीर बदली है मॉब लिंचिंग की घटना कम हुई है.
उन्होंने कहा कि वाम दल के लोग हमेशा ही गरीबों और मजदूरों की आवाज को बुलंद करने का काम किया है. इसीलिए झारखंड के स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर वर्तमान सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की जाएगी. जिसमें यह देखा जाएगा कि अगर राज्य का कोई गरीब या मजदूर वर्ग का लोग शोषित ना हो. अगर मजदूरों की समस्या का निदान वर्तमान सरकार के द्वारा नहीं हो रहा है तो सरकार को जगाने का भी काम भाकपा माले करेगी.