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तीन साल तक पिता पुत्र के जेल में रहने के बाद, अदालत ने दोनों को बताया निर्दोष - Jharkhand news

रांची में पिता-पुत्र पर आरोप लगने के बाद पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था. इस मामले में कोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया. लेकिन इन सब के बीच पिता-पुत्र को करीब तीन साल जेल में गुजारने पड़े. बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि पुलिस ने बिना जांच पड़ताल के ही कार्रवाई की थी.

Court acquitted accused of SC ST Act
Court acquitted accused of SC ST Act

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Published : May 27, 2022, 9:02 PM IST

रांची:रांची व्यवहार न्यायालय स्थित अपर न्यायायुक्त मनीष रंजन की अदालत ने शुक्रवार को एससी-एसटी एक्ट के आरोपित पिता-पुत्र को सबूत के अभाव में बरी कर दिया. आठ साल पहले 7 सितंबर 2014 को न्यू पुनदाग की सविता कांडुलना ने ध्रुवा के आदर्श नगर निवासी सुधाकर शर्मा और उनके पिता योगेश्वर शर्मा के खिलाफ sc-st थाने में जमीन के नाम पर 14 लाख रुपये की ठगी और गाली-गलौज, जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

सितंबर 2014 में आदर्श नगर में एससी-एसटी एक्ट मामले में एक पिता पुत्र को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में अदालत ने दोनों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया है. इस मामले में बिना जांच पड़ताल किए हटिया की तत्कालीन डीएसपी निशा मुर्मू ने दोनो पिता पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जिसके बाद करीब 3 साल तक दोनों को जेल में रहना पड़ा. अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस पिता-पुत्र के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर सकी. यहां तक कि एक भी स्वतंत्र गवाह भी पेश नहीं कराया गया.

करीब आठ साल की सुनवाई के बाद अदालत ने शुक्रवार को दोनों पिता पुत्र को रिहा करने का आदेश सुनाया. जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता अविनाश पांडे ने बताया कि बिना जांच पड़ताल किये प्राथमिकी दर्ज हुई थी.

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