रांची: कोरेना महामारी से लेकर उपजी परिस्थिति से निपटने के लिए समाज का हर तबका अपना योगदान दे रहा है. खासकर कोरोना महामारी से निपटने में पुलिस का योगदान बेहद खास है. वहीं, कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो पर्दे के पीछे रहकर लगातार कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में गरीबों की मदद कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम आज उन्हीं पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले कोरोना वॉरियर्स को आपके सामने ला रही है.
आठ मिलकर बनाते है हजार का खाना
लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों के बीच दो समय का खाना पहुंचाने की जिम्मेवारी सबसे पहले झारखंड पुलिस ने संभाली. डीजीपी के आदेश के बाद पूरे झारखंड थानों से ही सामुदायिक किचन की शुरुआत की गई और गरीबों तक जाने लगा. गरीबों तक खाना पहुंचाने वाले तो चर्चा में आए, लेकिन पर्दे के पीछे रह कर वे कोरोना वॉरियर्स जो हजारों लोगों को हर रोज खाना खिला रहे हैं. उनका हाल जाना ईटीवी भारत की टीम ने.
रांची के डोरंडा थाने के ठीक पास एक सरकारी स्कूल में थाने का सामुदायिक किचन चलता है. इस किचन में थाने के रसोइए सहित आसपास के कई युवा हर रोज सुबह शाम पहुंचते हैं और हजारों लोगों का खाना एक साथ बनाकर उन्हें गरीबों तक पहुंचाने के लिए भेजते हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि वे हर रोज खाना बना रहे हैं. पप्पू वर्मा, धनंजय, जितेंद्र कुमार, संदीप, संजय, संजीत और अनिल ठाकुर यह वैसे कोरोना वॉरियर्स हैं, जो पर्दे के पीछे रहकर गरीबों की भूख मिटा रहे हैं.