रांची: झारखंड के सत्ता पक्ष को यह बात जरूर बुरी लगेगी लेकिन सच को झुठलाया भी नहीं जा सकता. बात ही कुछ ऐसी है. पूरा विश्व टीकाकरण पर फोकस कर रहा है. सभी मान रहे हैं कोविड अभी गया नहीं है. फिलहाल बचाव का एकमात्र उपाय है टीकाकरण. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत उनके कैबिनेट के चार मंत्रियों के जिलों में टीकाकरण की हालत सबसे बदत्तर है.
कोरोना टीकाकरण में राष्ट्रीय स्तर पर खराब परफॉर्मेंस करने वाले जिलों में झारखंड के नौ जिलों के नाम शुमार हैं. इनमें पांच जिले वैसे हैं जिनका प्रतिनिधित्व या तो मुख्यमंत्री करते हैं या फिर मंत्री. सबसे खराब स्थिति झामुमो विधायक सह पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के गढ़वा जिले की है. यहां सिर्फ 15.46 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज मिल पाया है. दूसरे स्थान पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का साहिबगंज जिला है. यहां 15.76 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लगा है.
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तीसरे स्थान पर कांग्रेस विधायक सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का पाकुड़ जिला है. यहां सिर्फ 16.61 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज मिला है. चौथे स्थान पर पश्चिम सिंहभूम जिला है. यहां 20.55 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग पाया है. इस जिले का प्रतिनिधित्व झामुमो विधायक सह महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी करती हैं. पांचवा जिला देवघर है. यहां 21.16 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज मिला है. इस जिले का प्रतिनिधित्व झामुमो विधायक सह खेल एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन करते हैं. इसके अलावा गिरिडीह, गोड्डा, लातेहार और गुमला जिले को भी राष्ट्रीय स्तर पर खराब टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है. दोनों डोज की बात तो दूर, इन जिलों में 60 प्रतिशत पहला डोज भी नहीं लगा है.