रांचीः देशभर में सोमवार से 15 से 18 वर्ष उम्र समूह के किशोरों को कोरोना वैक्सीन दिया जाएगा. झारखंड में भी कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के तहत बच्चों को संक्रमण से बचाव के लिए कोवैक्सीन (Covaxin) का टीका दिया जाएगा. रांची में इसकी शुरुआत जिला स्कूल सहित पांच विद्यालयों से होगी.
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झारखंड में 15-18 वर्ष उम्र समूह के 23 लाख 98 हजार बच्चों को टीका
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में 15 से 18 वर्ष के उम्र समूह के किशोरों की संख्या करीब 23 लाख 98 हजार हैं. जिन्हें भी वैक्सीनेशन के इस चरण में टीका दिया जाना है. सोमवार से शुरू हो रहे इस अभियान के लिए करीब 500 वैक्सीनेशन सेशन बनाए गए हैं. जिसे अर्बन और रूरल में बांटा गया है. राज्य में प्रखंड स्तर किशोरों के लिए टीकाकरण सेशन की व्यवस्था की गयी है. वहीं शहरों में भी अलग से इसकी व्यवस्था की गयी है.
रांची के इन पांच विद्यालयों से शुरू होगी 15-18 वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण का कार्यक्रम
रांची सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार के अनुसार 03 जनवरी सोमवार को रांची के जिला स्कूल, मारवाड़ी स्कूल, गौरीदत्त मंडवलिया स्कूल रातू रोड, DAV हेहल और GOVT+2 स्कूल कांके में सोमवार को 15 से 18 वर्ष उम्र के बच्चों को Covaxin का टीका दिया जाएगा. रांची जिला में करीब 02 लाख 78 हजार की संख्या 15 से 18 वर्ष के किशोरों की है.
कोरोना के बढ़ते खतरे से झारखंड स्वास्थ्य महकमा अलर्ट
झारखंड में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए आज रविवार को अवकाश के दिन भी स्वास्थ्य विभाग और पूरा महकमा अलर्ट मोड पर दिखा. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के साथ एनएचएम के राज्य निदेशक रमेश घोलप, नोडल अधिककारी डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने रांची सदर अस्पताल में कोरोना को लेकर की गयी तैयारियों का जायजा लिया और कई निर्देश दिए.
रांची सदर अस्पताल का जायजा लेते अपर मुख्य सचिव क्या कहा ACS ने सदर अस्पताल के चौथे और पांचवें तल्ले पर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए केयर सेंटर का निरीक्षण करने के बाद अपर मुख्य सचिव (ACS) ने अब तक की गयी तैयारियों पर संतोष जताया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर एक पूछताछ काउंटर खोला जाए ताकि मरीजों के परिजन को वहां सभी जानकारी उपलब्ध हो जाए. इसके साथ ही साथ ग्राउंड फ्लोर पर ही एक बड़े स्क्रीन पर वार्ड में भर्ती मरीजों की स्थिति का लाइव तस्वीर दिखे, इसकी भी व्यवस्था करें. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि सदर अस्पताल में कोरोना के दौरान मरीजों का इलाज बाधित ना हो इसलिए सेमी वर्चुअल ओपीडी तैयार किया जाए ताकि स्क्रीन के माध्यम से मरीज अपनी समस्या डॉक्टर को बता सकें और डॉक्टर उस समस्या का निदान कर सकें.