रांचीः कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बचाव के तमाम उपाय के बीच सबसे ज्यादा जरूरी है ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट सुनिश्चित कराना. झारखंड में एक अक्टूबर तक सरकारी और निजी लैब में कुल 22,92,393 सैंपल का कोरोना जांच किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा 13,03,584 टेस्ट रैपिड एंटीजन, 6,96,907 आरटी-पीसीआर और 2,36,907 टेस्ट ट्रुनेट से हुए हैं. इससे साफ है कि झारखंड में सबसे ज्यादा रैपिड एंटिजन टेस्ट किए जा रहे हैं.
निजी लैब में कितने टेस्ट
एक अक्टूबर तक झारखंड के निजी लैब में 54,981 टेस्ट हुए हैं. अब सवाल है कि टेस्ट कराने में आम लोगों की जेब से कितने पैसे निकले. दरअसल शुरुआती दौर में निजी लैब में टेस्ट कराने पर 4500 रुपए लगते थे. कुछ माह बाद स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर टेस्ट की दर 2400 रुपए तय कर दी गई. फिर अगले पड़ाव में टेस्ट की दर 15 सौ रुपए हो गई. अलग अलग फेज में जांच की दर अलग-अलग रही है इसलिए 2000 रुपए प्रति जांच का औसत निकालने पर अब तक तकरीबन 11 करोड़ रुपए लोगों की जेब से निकल चुके हैं.