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तैयारी ऐसी तो भगवान भरोसे भी कोरोना से नहीं बचेंगे लोग, रेलवे स्टेशन के बाहर उड़ती है गाइडलाइन की धज्जियां

झारखंड की राजधानी रांची में कोरोना वायरस संक्रमण के थर्ड वेव को लेकर जिला प्रशासन ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन रांची रेलवे स्टेशन पर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. इस ओर प्रशासन का भी ध्यान नहीं है.

corona guidelines not followed outside the railway station in ranchi
यात्रीगण

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Published : May 21, 2021, 1:02 PM IST

रांची: पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी कोरोना महामारी के तीसरे लहर को लेकर एक तरफ जहां तैयारियां की जा रही हैं तो वहीं रेलवे यातायात पर विशेष कोई सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा है. जिसके कारण संक्रमित क्षेत्रों से आने वाले यात्री सीधे शहर के अलावे ग्रामीण क्षेत्र तक बिना रोक-टोक के और जांच के पहुंच रहे हैं. इससे संक्रमण की रफ्तार और बढ़ रही है.

स्टेशन के बाहर यात्रियों की भीड़

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श्रमिकों का लौटना जारी
कोरोना महामारी के दूसरे लहर और विभिन्न राज्यों में धीरे-धीरे लग रहे लॉकडाउन के कारण लगातार प्रवासी श्रमिक पलायन कर रहे हैं. झारखंड में भी बड़ी संख्या में एक बार फिर अन्य राज्यों से प्रवासी श्रमिक पहुंच रहे हैं. रेल यातायात के जरिये यह श्रमिक झारखंड के विभिन्न जिलों तक पहुंच रहे हैं. ऐसे में रांची रेल मंडल में अब तक संक्रमित क्षेत्रों से कुल 27 स्पेशल ट्रेन सिर्फ प्रवासी श्रमिकों को लेकर रांची और हटिया रेलवे स्टेशन पहुंची है. काफी संख्या में श्रमिक एक बार फिर झारखंड वापस लौट आए हैं. वहीं अभी भी प्रवासी श्रमिकों का लौटना जारी है.


रोजाना पहुंच रहे हैं हजारों यात्री
रांची रेल मंडल से कुछ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. इसके बावजूद लगभग विभिन्न क्षेत्रों से 38 जोड़ी ट्रेनों का आवाजाही जारी है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन ट्रेनों से आ रहे यात्रियों को समुचित तरीके से ना तो जांचा जा रहा है और ना ही इनका कोरोना केस्ट ही किया जा रहा है. जबकि जिला प्रशासन की ओर से कहा गया था कि अब पहले की तरह व्यवस्था दी जाएगी. आने वाले सामान्य यात्रियों को होम क्वॉरेंटाइन के लिए जागरूक किया जाएगा और उनके हाथों पर मुहर भी लगाई जाएगी लेकिन यह व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रही है.

स्टेशन के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं
अधिकतर यात्री बिना थर्मल स्क्रीनिंग के ही स्टेशन से बाहर निकल रहे हैं. ट्रेन से उतरते वक्त थोड़ा अनुशासन देखने को मिल रहा है लेकिन जैसे ही यात्री स्टेशन के बाहर पहुंचते हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है. प्रवासी श्रमिकों के लिए भी ट्रेनों के यात्रियों को बसों के जरिए विभिन्न प्रखंड और सेंटर भेजने की बात कही गई थी. शुरुआती दो से तीन ट्रेनों के यात्रियों को संबंधित जिलों में भेजा भी गया लेकिन वहां भी श्रमिक क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं रहे. इसकी भी निगरानी रखने वाला कोई नहीं है. फिलहाल रांची रेल मंडल के रेलवे स्टेशनों पर कोरोना को लेकर सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे ही है. सभी यात्री आ रहे हैं और सीधे अपने गंतव्य के लिए निकल रहे हैं.

अधिकारियों के पास नहीं है जवाब
मामले को लेकर रांची रेल मंडल की ओर से कहा गया कि यह जिला प्रशासन का मामला है. रेलवे पर सिर्फ ट्रेन परिचालन की जिम्मेदारी है. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन के अधिकारी इस मामले में बचते नजर आए. उनके पास इसे लेकर कोई जवाब ही नहीं है. कुल मिलाकर कहे तो थर्ड वेव को लेकर अभी से ही तैयारी करनी होगी, नहीं तो आने वाला समय झारखंड के सभी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी आफत भरा होगा.

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