रांची: कोरोना महामारी का उच्च शिक्षा पर भी व्यापक असर पड़ा है. संक्रमण के भय के कारण कई परीक्षाएं अधर में लटकी हैं. डेढ़ साल से जहां एमफिल की परीक्षाएं लंबित है वहीं पीएचडी की परीक्षाएं भी अब तक विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित नहीं की गई है.
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उच्च शिक्षा पर कोरोना का असर
कोरोना के कारण केवल प्राथमिक विद्यालयों की परीक्षाएं ही बाधित नहीं हुई. इसका इफेक्ट हायर एजुकेशन पर भी दिखाई पड़ रहा है. रांची विश्वविद्यालय में अंतिम बैच एमफिल की परीक्षा अब तक आयोजित नहीं की जा सकी है. एमफिल करने वाले विद्यार्थियों की संख्या मात्र 132 है. इसके बावजूद विश्वविद्यालय इनकी परीक्षा आयोजित करने में सफल नहीं हो पाई है. फरवरी 2020 में रांची विश्वविद्यालय के 22 विभागों में एमफिल के विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था. माना जाता है कि एमफिल की पढ़ाई 1 या 2 साल में पूरी हो जानी चाहिए. लेकिन मामला अब तक लटका हुआ है.
अधर में पीएचडी प्रवेश परीक्षा
दूसरी ओर विश्वविद्यालय की एक महत्वपूर्ण परीक्षा पीएचडी प्रवेश परीक्षा भी अधर में है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक अक्टूबर में परीक्षा कराने की तैयारी चल रही है. पीजी परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन जारी करेगा. साल 2019 के बाद से अब तक विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी की परीक्षा भी आयोजित नहीं की गई है. हालांकि विश्वविद्यालय में पीएचडी के साथ-साथ अलग-अलग विषयों में एमफिल के लिए भी आवेदन पत्र जारी जल्द किए जाने की संभावना जताई जा रही है.
परीक्षा विभाग की तैयारी.
राज्य सरकार के फाइनल परीक्षा ऑफलाइन लेने के निर्णय के बाद रांची विश्वविद्यालय ने 13 अगस्त से पीजी फाइनल सेमेस्टर सत्र 2019-21 की परीक्षा की शुरुआत की है. वहीं एमबीबीएस सेकेंड और थर्ड प्रोफेशनल की परीक्षा भी अगस्त महीना में आयोजित की गई है. हालांकि अभी भी एमफिल, पीएचडी समेत कई वोकेशनल कोर्स की परीक्षाएं अधर में हैं. विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक आशीष कुमार झा ने जल्द ही इन परीक्षाओं को कंडक्ट किए जाने का विश्वास दिलाया है. उन्होंने कहा एमफिल की परीक्षा काफी समय से लंबित है. इस परीक्षा को क्लियर करना विश्वविद्यालय की सबसे पहली प्राथमिकताओं में से एक है.