रांची:कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद का पहला दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ. राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने कहा कि कितनी भी विषम परिस्थितियां होती तो वे अपने प्यारे छात्र-छात्राओं के बीच जरूर पहुंचते. उन्होंने कहा कि ज्ञान और सूचना तकनीक के विभिन्न आयामों के जरिये ही हम विकास की गति को तीव्र कर सकते हैं. हमारा प्रयास होगा कि इस राज्य के अधिक से अधिक युवा उच्च शिक्षा ग्रहण करें. ज्ञानार्जन में जाति, धर्म, लिंग बाधक नहीं बनना चाहिये.
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राज्यपाल ने यह कहते हुए खुशी जाहिर की कि अब लड़कियां न केवल उच्च शिक्षा ग्रहण करने के प्रति रूचि रख रही हैं, बल्कि अपनी प्रतिभा से वे उत्कृष्टता भी हासिल कर रही हैं. उच्च शिक्षा के विस्तारीकरण के लिए नये शिक्षण संस्थान भी स्थापित होने चाहिए. शिक्षा से ही लोगों में जागृति आ सकती है और सामाजिक कुरीतियों का पूरी तरह से समाज से अन्त हो सकता है.
सीएम हेमंत सोरेन का संबोधन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि झारखंड राज्य का कोयलांचल सिर्फ कोयला और लोहा के लिए ही नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाएगा और नई ऊंचाइयों को स्थापित करेगा. उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि झारखंड के वीर शहीदों के सम्मान में शिक्षण संस्थान स्थापित किये जा रहें हैं. आने वाले दिनों में सभी प्रमंडलों में स्थापित हो रहे यूनिवर्सिटी, कॉलेज और शिक्षण संस्थान झारखंड के बच्चों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाएं हैं, लेकिन संक्रमण के इस कालखंड ने इसे काफी हद तक प्रभावित कर रखा है. कोरोना संक्रमण की गति धीमे पड़ते ही जीवन को सामान्य बनाकर योजनाओं को गति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा की कार्य योजना के लिए सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों के साथ राज्य सरकार जल्द चर्चा करेगी.
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