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झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने कहा- झारखंड गरीब राज्य है, शराब बेचकर मिलेगा रेवेन्यू

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Published : May 20, 2020, 7:12 PM IST

Updated : May 21, 2020, 12:26 PM IST

ईटीवी भारत से बातचीत में मानस सिन्हा ने कहा कि झारखंड गरीब राज्य है. ऐसे में टैक्स बढ़ाकर शराब की दुकानें खोली गई हैं, ताकि रेवेन्यू आ सके.

jharkhand Congress Working President
झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा

रांची: राज्य की विपक्षी दल बीजेपी लगातार सरकार के कोरोना महामारी के दौरान किए जा रहे कार्यों पर सवाल खड़े कर रही है. बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शराब की बिक्री से लेकर कोरोना की जांच के लिए ली जा रही बड़ी राशि समेत क्वॉरेंटाइन में परोसे जा रहे खाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने बुधवार को ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि कोरोना काल मे एकजुट होकर लोगों को बचाने की जरूरत है, ना कि राजनीति करने की.

झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा से बातचीत

'शराब बेचेंगे तो होगी कमाई'

मानस सिन्हा ने शराब बिक्री के सरकार के निर्णय को लेकर कहा कि झारखंड गरीब राज्य है. जब तक टैक्स आता था. तब कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन जब से जीएसटी आई है तब से केंद्र सरकार से कंपनसेशन मिलता है और पिछले कई महीनों का कंपनसेशन नहीं मिला है. ऐसे में टैक्स बढ़ाकर शराब की दुकानें खोली गई हैं, ताकि रेवेन्यू आ सके.

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उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शराब की दुकानों पर लोग खरीदारी कर रहे हैं, ना कि दूसरे राज्यों की तरह हंगामा हो रहा है. उन्होंने कहा कि जहां तक पानी की समस्या को दूर करने का मुद्दा उठाया जा रहा है तो रांची नगर निगम को सरकार की ओर से करोड़ों रुपए पानी की समस्या को दूर करने और सेनिटाइजेशन के लिए दिए गए हैं, लेकिन पिछली सरकार के समय से ही नगर निगम की कार्यशैली सही नहीं रही है.

'17 सालों में नहीं लगी कोई फैक्ट्री'

पिछली सरकार के नगर विकास मंत्री ने शहर को बर्बाद करने का काम किया है, जबकि वर्तमान सरकार सारी चीजों को ठीक करने का प्रयास कर रही है. वहीं पेट्रोल में दिए जा रहे रिबेट को वापस लिए जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि क्रूड ऑयल का रेट अगर केंद्र सरकार कम कर दे, तो इसका फायदा आम लोगों को रिटेल प्राइस में मिलेगा. उन्होंने कहा कि पिछले 17 सालों में झारखंड में कोई फैक्ट्री नहीं लगी है. यहां पेट्रोलियम रेवेन्यू जेनरेट करने का सबसे बड़ा साधन है और वर्तमान कोरोना संकट के दौर में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने पेट्रोल डीजल के रिबेट को वापस लिया है.

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साथ ही प्राइवेट में कोरोना की जांच के लिए 4500 रुपए लिए जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर है. अगर केंद्र सरकार राज्य सरकार को कम दर पर टेस्ट किट उपलब्ध करा दे, तो यहां मुफ्त में लोगों का कोरोना जांच किया जा सकेगा, लेकिन केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

'बीजेपी को सिर्फ भोजन परोसना दिख रहा है'

वहीं क्वारेंटाइन में 60 रुपये के भोजन उपलब्ध कराए जाने के विपक्ष के सवाल पर उन्होंने कहा कि विपक्ष को सिर्फ क्वारेंटाइन में भोजन परोसा जाना ही दिख रहा है, जबकि राज्य की गरीब जनता को 2 महीने का राशन मुहैया कराया गया है. दीदी किचन लगातार चल रहा है. सरकार सभी को भोजन उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है. साथ ही बाबूलाल मरांडी को उन्होंने सलाह दी है कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने से जवाब मिलेगा, लेकिन वर्तमान समय में राजनीति छोड़कर एकजुट होकर लोगों को कोरोना महामारी से बचाने की जरूरत है.

Last Updated : May 21, 2020, 12:26 PM IST

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