रांची: राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में प्रोफेसरों और डॉक्टरों के स्थानांतरण को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. राज्य में 3 नए मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसरों और डॉक्टरों की कमी को लेकर रिम्स के सीनियर डॉक्टरों और प्रोफेसरों के स्थानांतरण की बात कही जा रही है, जिस पर रिम्स के सीनियर डॉक्टर और प्रोफेसर लगातार अपना विरोध जता रहे हैं.
रिम्स में डॉक्टरों और प्रोफेसरों का कहना है कि जबसे रिम्स का उद्घाटन हुआ है तब से उन्होंने रिम्स को अपने खून पसीने से सींच कर उसे तरक्की की राह पर लाया है. इसके बावजूद भी रिम्स के निर्देशक ने सीनियर डॉक्टरों और प्रोफेसरों के स्थानांतरण की बात कही जा रही है. निश्चित रूप से रिम्स में पढ़ रहे छात्रों की शैक्षणिक व्यवस्था और मरीजों को मिल रही स्वास्थ्य व्यवस्था को अस्त व्यस्त करता है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, राज्य में बने 3 नए मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसरों की कमी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पत्र के माध्यम से रिम्स के निर्देशक डी.के सिंह से सीनियर डॉक्टरों और प्रोफेसरों की सूची मांगी थी. जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि 2002 के बाद बहाल किए डॉक्टरों की सूची दी जाए लेकिन रिम्स के निर्देशक डॉ डीके सिंह ने 2002 से पूर्व से बहाल किए डॉक्टरों और प्रोफेसरों की भी सूची स्वास्थ्य विभाग को भेज दी जिसके बाद 2002 से पहले से बहाल डॉक्टरों ने अपना विरोध जताना शुरू कर दिया और निदेशक के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया. इसके साथ ही रिम्स के निर्देशक पर रिम्स को कमजोर करने का आरोप भी लगा रहे हैं.