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इनके लिए फीका रहेगा दुर्गा पूजा, शहरी स्वास्थ्य केंद्रों के अनुबंधित डॉक्टर और कर्मियों को नहीं मिला 5 महीने से वेतन

झारखंड में शहरी स्वास्थ्य केंद्र (Urban Health Center) में कार्यरत डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को पिछले 5 महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसके कारण उन्हें परेशानी हो रही है. वेतन नहीं मिलने से उनका दुर्गा पूजा भी फीका पड़ जाएगा. शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत कर्मियों ने बताया कि 13 अगस्त 2021 को लंबित वेतन भुगतान के लिए एनयूएचएम के नोडल अफसर डॉ प्रदीप बास्की से लिखित अनुरोध किया गया था. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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स्वास्थ्यकर्मी ने की वेतन की मांग

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Published : Oct 10, 2021, 6:45 PM IST

Updated : Oct 10, 2021, 7:12 PM IST

रांची:राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (Urban Health Center) के तहत राज्यभर में शहरी स्वास्थ्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. इन केंद्रों में सेवा देने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी योद्धा से कम नहीं है. लेकिन इन अनुबंधित डॉक्टरों और कर्मियों को पांच महीने से वेतन ही नहीं मिला है. मई से ही वेतन की आस लगाए इन कर्मियों को दुर्गा पूजा में भी वेतन नहीं मिलने से चेहरे से त्योहार की खुशियां गायब हो गई है.

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रांची के आठ शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत कर्मियों ने बताया कि 13 अगस्त 2021 को लंबित वेतन भुगतान के लिए एनयूएचएम के नोडल अफसर डॉ प्रदीप बास्की से लिखित अनुरोध किया गया था. कई अधिकारियों से भी मिलकर फरियाद लगाई गई. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यह स्थिति केवल रांची जिले की ही नहीं है. राज्य में संचालित कुल 78 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत लगभग 95 डॉक्टर समेत लगभग 6870 से अधिक कर्मियों की कमोबेश यही स्थित है. 32000 रुपये से 64000 रुपये पाने वाले डॉक्टरों के साथ-साथ 11000 रुपये पाने वाले पारा मेडिकलकर्मी और 2000 रुपए मासिक पाने वाली सहिया को भी पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया है.



एक केंद्र में कम से कम 14 कर्मियों का प्रावधान

राज्य के 22 जिलों में 78 शहरी स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं. रांची में इसकी संख्या 08 है. जहां 10 डॉक्टर, 65 पाराकर्मी (लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, एएनएम, ए ग्रेड) और 8 पब्लिक हेल्थ मैनेजर के अलावा लगभग 90 सहिया केंद्र से जुड़ी हैं. प्रावधान के अनुसार एक शहरी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर समेत कुल 14 कर्मियों की तैनाती होती है. इसके अलावा आसपास की दर्जनों सहिया भी केंद्र से जुड़ी होती हैं. जिन्हें हर महीने 2000 रुपए (कोविड में 1000 अतिरिक्त) के साथ-साथ प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है. राज्य के कुल 78 केंद्रों से लगभग 95 डॉक्टर समेत 650 कर्मचारी और लगभग 6800 से अधिक सहिया केंद्र से जुड़ी हुई है. जिन्हें पांच महीने से भुगतान नहीं हुआ है.

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सिंगल अकाउंट सिस्टम से परेशानी


स्टेट की ओर से पहले जिलों को भुगतान के लिए राशि दी जाती थी. लेकिन कुछ जिलों के अपने अकाउंट में पैसा जमा रह जाता था. जिसे दूरे करने के लिए सरकार ने आईसीआईसीआई बैंक के साथ सिंगल अकाउंट सिस्टम लागू किया है. इस सिस्टम में जिलों को पैसा नहीं दिया जाता है. योजना की पूरी राशि स्टेट के सिंगल अकाउंट में जमा रहता है. जिलों को केवल लिमिट दिया गया है. इसके तहत जिलों के द्वारा न तो आरटीजीएस किया जा सकता है और न ही चेक दिया जा सकता है. जिलों के द्वारा केवल वेतन बनाकर लिंक भेजना रहता है.

कई महीनों से सर्वर में समस्या

सिंगल अकाउंट सिस्टम के सर्वर से जब जिलों से भेजे गए वेतन के आवेदन का लिंक अप्रूव होता है, तब उसी अकाउंट से भुगतान होता है. लेकिन पिछले कई महीनों से यह सर्वर ही से काम नहीं कर रहा है. जिसके कारण जिन एकाध जिलों के पास यदि पुराना अकाउंट चालू है और उसमें पैसा भी है, जो आईसीआईसीआई में नहीं है, वैसे जिलों में भुगतान हुआ है. लेकिन ऐसे जिलों की संख्या न के बराबर है.

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क्या कहते हैं नोडल अधिकारी

शहरी स्वास्थ्य मिशन के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ प्रदीप बास्की ने कहा कि जिन जिलों के पास पुराने अकाउंट में यदि पैसा है, तो वहां भुगतान हुआ होगा. नए अकाउंट को लेकर कुछ परेशानी हुई है. लेकिन रांची समेत दो जिलों का अपडेट कर दिया गया है. जहां जल्द ही भुगातन हो जाएगा. इसकी कार्रवाई चल रही है. अन्य लंबित जिलों में भी सैलरी भुगतान जल्द हो इसकी व्यवस्था की जा रही है.

Last Updated : Oct 10, 2021, 7:12 PM IST

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