झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

रांची के बरियातू में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर का हो रहा है विरोध, अस्पताल प्रबंधन को भी है ऐतराज - रांची में एसडीए अस्पताल पर भी एतराज

रांची के बरियातू स्थित मेटास सेवंथ डे एड्वेंटिस्ट अस्पताल में भी कोरोना क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध शुरू हो गया है. आरयू ने यूजीसी के निर्देश के तहत मेटास सेवंथ डे एड्वेंटिस्ट अस्पताल को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की कवायद की है, लेकिन एसडीए प्रबंधन ने इससे साफ इनकार कर दिया गया.

Constant quarantine center is being opposed in Ranchi
क्वॉरेंटाइन सेंटर का विरोध

By

Published : Apr 28, 2020, 2:21 PM IST

रांचीः राजधानी के बरियातू स्थित मेटास सेवंथ डे एड्वेंटिस्ट अस्पताल में कोरोना क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध शुरू हो गया है. रांची विश्वविद्यालय के बाद इस अस्पताल को जिला प्रशासन भी क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इस परिसर को आवासीय परिसर का हवाला देते हुए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध किया है.

देखें पूरी खबर
लगातार झारखंड में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है. इसमें राजधानी रांची तो रेड जोन बन चुकी है. रांची के चारों ओर कोरोना संक्रमित लोग पाए जा रहे हैं और इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने को लेकर जिला प्रशासन की कोशिश है. इधर रांची विश्वविद्यालय द्वारा भी यूजीसी के निर्देश के तहत मेटास सेवंथ डे एड्वेंटिस्ट अस्पताल को कोरोना वायरस क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की कवायद की गई थी, लेकिन प्रबंधन द्वारा सीधे तौर पर यह कहा गया कि एसडीए अस्पताल परिसर पूरी तरह आवासीय है. छोटे-छोटे बच्चों के अलावे बुजुर्गों की भी गतिविधियां इस परिसर में होती रहती है. ऐसे में इस परिसर को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने में एड्वेंटिस्ट अस्पताल असमर्थ है, तो वहीं प्रशासन की ओर से भी इस अस्पताल को कोरोना वायरस क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में चयन की गई है, लेकिन एसडीए प्रबंधन किसी भी हालत में अस्पताल को कोरोना वायरस सेंटर बनाने के मूड में नहीं दिख रहा है.

ये भी पढ़ें-रांची में कोरोना पॉजिटिव मरीज के मोहल्लों में नाकेबंदी, राजस्थान कलेवालय होटल सील

आवासीय परिसर के लोगों ने किया विरोध
मंगलवार को अस्पताल के तमाम कर्मचारी अस्पताल परिसर पर तालाबंदी की और क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने को लेकर इसका विरोध किया. तमाम कर्मचारियों का कहना है कि यह पूरी तरह आवासीय क्षेत्र है. ऐसे में इस अस्पताल को कोरोना वायरस सेंटर बनाना सही नहीं होगा. क्योंकि पहले से ही यहां कई बीमारियों का इलाज अस्पताल कर रहा है. रोजाना सामान्य मरीज भी इस अस्पताल में आकर इलाज करवाते हैं. अगर इस अस्पताल को कोरोना क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए चिन्हित किया जाता है तो अन्य मरीजों की हालत खराब होगी. वहीं यहां के तमाम कर्मचारियों का कहना है कि किसी भी हालत में इस अस्पताल को क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में डेवलप करने नहीं दिया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details