रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में बनी डोमिसाइल पॉलिसी को एक बार फिर से रिव्यू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्व में बनी डोमिसाइल पॉलिसी को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे. इतना ही नहीं लोगों ने सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया और सब इस बात के गवाह भी हैं. ऐसे में सरकार ने तय किया है कि फिर से उसे देखा जाए.
कमिटी करेगी पूरी रिव्यू
इसके साथ ही उस में क्या बदलाव किया जा सकता है इस संबंध में चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बाबत एक कमेटी बनी है और वह इस पर काम करेगी. सोरेन ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कुछ त्रुटियां हमेशा हो जाती हैं वह सही है या गलत है यह समझने की आवश्यकता है. 15 अगस्त को लेकर सरकार की घोषणाओं के संबंध में उन्होंने कहा कि उसी दिन इसपर तस्वीर साफ होगी.
बदलाव को लेकर हुई मांग
दरअसल, पूर्वर्ती बीजेपी सरकार ने डोमिसाइल पॉलिसी में 1985 को कट ऑफ ईयर माना था. हालांकि, उस समय इस पॉलिसी को लेकर काफी विरोध भी हुआ था. लोग सड़क पर भी उतरे थे. यहां तक कि तत्कालीन एनडीए में शामिल आजसू पार्टी ने भी डोमिसाइल पॉलिसी में परिवर्तन की मांग रखी थी, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 1932 के खतियान को स्थानीयता परिभाषित करने के लिए कटऑफ ईयर करने की मांग की थी.
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पत्रकारों की मौत पर शोक
वहीं, झारखंड में गुरुवार को दो पत्रकारों की हुई मौत पर संवेदना प्रकट करते हुए सोरेन ने कहा यह अत्यंत दुख का विषय है. वह व्यक्तिगत रूप से उन परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं. उन्होंने कहा कि वह आश्चर्यचकित हैं कि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में ईश्वर प्रभावित परिवार को शक्ति दें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह खुद दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़े हैं.