रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस भवन में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वास्तु दोष मिटाने का काम जोरों पर चल रहा है. हालांकि वास्तु दोष खत्म होने से पहले ही पार्टी के 2 विधायकों के बीजेपी में जाने से तगड़ा झटका जरूर लगा है. लेकिन रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान न हो इसलिए कांग्रेस भवन के वास्तु दोष को खत्म कर पार्टी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.
पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान होता आया
दरअसल, पिछले दो प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल में चुनावी परिणाम के पहले और बाद पार्टी और अध्यक्ष को नुकसान होता आया है. प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय के कार्यकाल में न ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन हो पाया था और न ही लोकसभा चुनाव में कुछ खास सफलता हाथ लगी. बल्कि वर्ष 2017 में डॉ अजय के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद हमेशा पार्टी में गुटबाजी देखी जाती रही और आखिरकार कांग्रेस नेताओं ने खुलकर सड़क पर उतरकर डॉ अजय का विरोध किया. नौबत यहां तक आ गई कि उन्होंने पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया.
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2013 में सुखदेव भगत ने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली थी
वहीं, इससे पहले वर्ष 2013 में सुखदेव भगत ने प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के साथ ही पार्टी विधायक इरफान अंसारी और मनोज यादव ने जमकर विरोध जताया था. हालांकि अपने कार्यकाल में उन्होंने पार्टी को एकजुट करने का प्रयास किया. लेकिन गुटबाजी ज्यादा हावी रही. आखिरकार पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद सुखदेव भगत ने दूरी बना ली और आखिर में बीजेपी का दामन थाम लिया. हैरत की बात यह रही कि सुखदेव भगत का शुरू से विरोध करने वाले मनोज यादव ने भी उनके साथ हाथ का साथ छोड़ बीजेपी के कमल को अपना लिया.