झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

कांग्रेस ने बीजेपी को बताया दलबदलुओं की पार्टी, भाजपा ने कहा- दल नहीं हम हैं परिवार

झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होना है. चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारी में हैं. इसी कड़ी में बयानबाजी का दौर भी खूब चल रहा है. पक्ष-विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप में लगी हुई है.

बीजेपी-कांग्रेस

By

Published : Nov 1, 2019, 2:39 PM IST

Updated : Nov 1, 2019, 5:34 PM IST

रांची: प्रदेश में पहली बार बहुमत की सरकार चलाने का दावा करने वाली बीजेपी कथित तौर पर दल बदलने वाले विधायकों के लिए सुरक्षित 'ठौर' बनती जा रही है. हालांकि यह सिलसिला दिसंबर 2018 में बनी मौजूदा रघुवर सरकार से शुरू हुआ और नवंबर 2019 तक चलता रहा. राजनीतिक गलियारों में होने वाले चर्चाओं पर यकीन करें तो आगामी विधानसभा चुनाव के पहले भी ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलेंगे.

देखें पूरी खबर

पार्टी पूर्ण बहुमत का दावा करने लगी
पुराने पन्नों को पलटें तो 28 दिसंबर 2014 को मौजूदा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड के 10वें सीएम के रूप में शपथ ली. उस समय 37 बीजेपी और पांच आजसू पार्टी विधायकों के समर्थन से उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला. वहीं फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों के बीजेपी में कथित विलय से पार्टी पूर्ण बहुमत का दावा करने लगी.

ये भी पढ़ें-अंतरराज्यीय चोर गिरोह के तीन सदस्य चढ़े पुलिस के हत्थे, चोरी की कार और ऑटो बरामद


जेवीएम के बागी विधायकों के खिलाफ चला मामला
हालांकि, झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर 2014 में विधानसभा चुनाव जीत कर आने वाले जेवीएम विधायकों के खिलाफ विधानसभा स्पीकर दिनेश उरांव के ट्रिब्यूनल में मामला दर्ज किया गया. लेकिन 2015 से लेकर 2019 तक चले इस मामले का अंत उनके पक्ष में हुआ. दरअसल, 95 से अधिक सुनवाई की तारीख में चले इस मामले में जेवीएम के बीजेपी में कथित विलय को स्पीकर के ट्रिब्यूनल ने मान्यता दे दी. हालांकि झारखंड हाईकोर्ट में जेवीएम ने स्पीकर के फैसले को चुनौती दी है.

ये भी पढ़ें-हजारीबाग: परिवार और गांववालों ने मोड़ा मुंह, पुलिस ने शव को कंधा देकर किया अंतिम संस्कार

जेएमएम और कांग्रेस के विधायकों ने भी बदला पाला
आगामी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक तरफ जहां जेवीएम के एक और विधायक ने बीजेपी का दामन थाम लिया. वहीं जेएमएम और कांग्रेस के दो विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए. हैरत की बात यह है कि इन सभी विधायकों ने दल बदल के उस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद बीजेपी का दामन थामा. बीजेपी ज्वाइन करने से पहले इन 5 विधायकों में से न तो किसी ने अपनी विधायकी छोड़ी और न ही पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया. अंदरूनी सूत्रों पर यकीन करें तो विपक्षी दलों के कुछ और विधायक सत्ताधारी दल में इंट्री के लिए बेकरार हैं.

क्या कहते हैं राजनीतिक दलों के पदाधिकारी
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर कहते हैं कि बीजेपी को 15 अदद उम्मीदवार नहीं मिल पा रहे हैं और पार्टी ने 65 पार का नारा देना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि दरअसल कैंडिडेट की कमी की वजह से वह दूसरे दलों से लोगों को बीजेपी में शामिल करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लगता है कि बीजेपी दल बदलुओं की पार्टी बनकर रह गई है. अगर इन्हीं दल बदलू के सहारे उन्हें चुनाव लड़ना है तो उन्हें वही मुबारक.

ये भी पढ़ें-रांची में धोनी का दिखा कूल अंदाज, फैन की बाइक पर दिया ऑटोग्राफ

'हमारी पार्टी परिवार की तरह है'
वहीं, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि उनकी पार्टी परिवार की तरह है और जो भी बातें होती हैं परिवार की तरह मिल बैठकर सुलझा ली जाती हैं. उन्होंने कहा कि पुराने और नए कार्यकर्ता के बीच समन्वय स्थापित होता है.

Last Updated : Nov 1, 2019, 5:34 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details