रांची: राजधानी में लॉकडाउन 4 के दौरान मिठाई दुकानों को खोलने की रियायत मिल गई थी. जिसमें काउंटर सेल और होम डिलीवरी की छूट दी गई. बावजूद इसके मिठाई दुकानों में पहले की अपेक्षा अब महज 15 से 20 प्रतिशत तक ही बिक्री हो रही है. वह भी शहर के मुख्य मिठाई दुकानों में शामिल लगभग 50 मिठाई दुकानों में यह बिक्री प्रतिशत है. जबकि अन्य कई छोटे मिठाई दुकान खुल भी नहीं रहे हैं और उनकी बिक्री का प्रतिशत भी बड़े दुकानों से काफी कम है.
राजधानी के मिठाई व्यवसाय से जुड़े लोगों का साफ तौर पर कहना है कि लॉकडाउन में व्यवसाय लगभग ठप पड़ गया है. कारीगर भी कम हैं और डिमांड भी कम है. इस वजह से पहले जहां प्रतिदिन शहर के मुख्य मिठाई दुकानों में 15 से 20 हजार रुपये से ज्यादा बिक्री होती थी. वहीं अब बिक्री महज 4 से 5 हजार रुपये ही रह गई है. राजधानी रांची में वैसे तो 500 से ज्यादा छोटे बड़े मिठाई की दुकानें हैं. लेकिन शहर में मुख्य रूप से बड़ी दुकानों की संख्या लगभग 50 है जहां सबसे ज्यादा मिठाइयों की बिक्री होती है.
मेन रोड में स्थित मुख्य मिठाई दुकानों में शामिल गणगौर के मैनेजर रवि बताते हैं कि लॉकडाउन में कारीगर भी कम हैं और डिमांड भी घट गई है. जिसकी वजह से बिक्री ना के बराबर रह गई है. हालांकि पहले की तुलना में 20 प्रतिशत तक की ही बिक्री रियायत मिलने के बाद लॉकडाउन 4 में हो रही है.