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मोमेंटम झारखंड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री समेत कई अफसरों के खिलाफ ACB में शिकायत, 100 करोड़ के घोटाले का आरोप

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Published : Jan 9, 2020, 10:36 PM IST

झारखंड में हुए मोमेंटम एंड ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट में 100 करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप लगाते हुए पंकज यादव ने एंटी करप्शन ब्यूरो में एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया गया है. एंटी करप्शन ब्यूरो के डीआईजी असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि नए संशोधन के मुताबिक पद के दुरुपयोग के मामले में झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो सीधा जांच नहीं कर सकता है. ऐसे में गुरुवार को दिए गए प्राथमिकी संबंधी आवेदन को सरकार के पास भेजा जाएगा. सरकार के स्तर से जांच की सहमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Complaint against former Chief Minister
मोमेंटम एंड ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट

रांची: झारखंड में हुए मोमेंटम एंड ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट में 100 करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप लगाते हुए पंकज यादव ने एंटी करप्शन ब्यूरो में एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया गया है. झारखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर 2018 में हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया गया था, जिसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो में आवेदन देने की बात कही थी.

देखिए पूरी खबर

किसने दिया आवेदन?
संस्था जनसभा के महासचिव पंकज यादव ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, उद्योग सचिव के रवि कुमार, कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के राहुल सिंह, मुख्यमंत्री के तत्कालीन सचिव संजय कुमार, सुनील कुमार वर्णवाल पर प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन एंटी करप्शन ब्यूरो में दिया है.

झारखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि इस मामले को लेकर 2018 में हाई कोर्ट में पीआईएल दायर किया गया था, जिसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो में आवेदन देने की बात कही थी. राजीव कुमार के अनुसार, मोमेंटम झारखंड में हुए घोटाले के कई सबूत हैं, जिसे मामला दर्ज करने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो को उपलब्ध करवाया जाएगा.

एसीबी का अगला कदम
एंटी करप्शन ब्यूरो के डीआईजी असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि नए संशोधन के मुताबिक पद के दुरुपयोग के मामले में झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो सीधा जांच नहीं कर सकता है. ऐसे में गुरुवार को दिए गए प्राथमिकी संबंधी आवेदन को सरकार के पास भेजा जाएगा. सरकार के स्तर से जांच की सहमति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. एंटी करप्शन ब्यूरो के ने संबंधित आवेदन को मंत्रिमंडल निगरानी विभाग को भेजा जाएगा. विभाग के आदेश के बाद जांच संबंधी कार्रवाई की जा सकती है.

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क्या है आरोप?
एंटी करप्शन ब्यूरो को दिए आवेदन में जिक्र है कि जीआईएस 16 और 17 फरवरी 2017 को आयोजित की गयी थी. शुरुआत में इसका बजट 8.50 करोड़ था. बाद में इसे बढ़ाकर 16.94 करोड़ कर दिया गया, लेकिन यह बजट बगैर कैबिनेट अप्रूवल के 100 करोड़ से अधिक हो गया. उस समय इस पर तत्कालीन मंत्री सरयू राय ने भी आपत्ति जताई थी. जिसके बाद उद्योग सचिव ने भी मामले को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी. बाद में उन्होंने भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. आवेदन में यह भी लिखा गया है कि मोमेंटम झारखंड का पूरा इंवेस्टमेंट एक आईवास था.

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