झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

व्यवसायिक वाहन मालिक अब परिवहन विभाग के अधिकारियों की अनदेखी से परेशान, कोरोना ने पहले ही तोड़ दी कमर

कोरोना काल ने सभी व्यवसाय पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है. इसी कड़ी में राज्य की बस सेवा पर भी इसका असर देखने को मिला. लॉकडाउन में बस सेवा बंद होने से वाहन चालक के साथ-साथ वाहन मालिकों को भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी. कहीं, गाड़ियों के महीनों ऐसे ही पड़े रहने से तकनीकी खराबी आ गई तो कहीं वाहन के कई सामान तक चोरी हो गए. बस नहीं चलने से राज्य सरकार और परिवहन विभाग को पिछले 7 महीने में 500 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का नुकसान होने की संभावना है.

Corona effect in State Bus Service
राज्य बस सेवा पर कोरोना प्रभाव

By

Published : Dec 17, 2020, 5:38 PM IST

रांचीःदेश के साथ-साथ झारखंड में भी कोरोना की वजह से बसों का परिचालन पूरे राज्य में बंद रहा. राज्य के विभिन्न बस स्टैंड पर कोरोना की वजह से वाहन मालिकों के बड़े-बड़े वाहन यूं ही पड़े रहे, जिस वजह से वाहनों में तो तकनीकी खराबी आई, साथ ही साथ सुरक्षा की कमी के कारण वाहनों के भीतर के सामान की चोरी भी हुई.

बस संचालकों का कहना है कि मार्च महीने से लेकर लगभग सितंबर महीने तक सभी ट्रांसपोर्टरों के कमर्शियल वाहन बंद रहे. धीरे-धीरे जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तो परिवहन विभाग की ओर से कमर्शियल वाहनों के भी परिचालन की अनुमति दी गई लेकिन सरकारी स्तर पर उन्हें कोई टैक्स की रियायत या फिर आर्थिक मदद नहीं की गई.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-केएन त्रिपाठी चुने गये इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष, PM के सामने रखा 17 सूत्रीय मांग

इसको लेकर झारखंड बस ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह कहते हैं कि वाहन मालिकों के आग्रह के बाद सरकार ने आदेश तो जारी कर दिया लेकिन सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते वाहन मालिक परेशान हैं. सरकारी अफसर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है. सच्चिदानंद सिंह बताते हैं कि वर्ष 2020 ऐसे तो सभी के लिए संघर्षपूर्ण रहा लेकिन बस ऑनर और ट्रक ऑनरों के लिए काफी दुखदायी भी रहा, क्योंकि 6 महीने तक महंगी गाड़ियां यूं ही स्टैंड पर खड़ी रही और बिना कमाई के वो बस मालिक लोन पर लिए गाड़ियों का इंस्टॉलमेंट चुकाते रहे.

उन्होंने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि लगातार बढ़ रहे कर्ज को देखते हुए वाहन मालिकों ने परिवहन मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि मार्च महीने से अक्टूबर महीने तक का रोड टैक्स नहीं लिया जाएगा, लेकिन कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी करने के बावजूद भी अभी तक परिवहन विभाग के अधिकारियों ने ऑनलाइन अपडेशन के लिए वेबसाइट पर माफ किये गये टैक्स को अपडेट नहीं किया है, जिस वजह से वाहन मालिकों के आगे का सभी टैक्स यूं ही पड़ा हुआ है. वहीं, ऑनलाइन तब तक आगे का टैक्स जमा नहीं हो पाएगा जब तक परिवहन विभाग की ओर से एनआईसी की वेबसाइट पर माफी किए गए टैक्स को अपलोड नहीं किया जाता.

बस नहीं चलने के कारण राज्य सरकार और परिवहन विभाग को भी पिछले 7 महीने में 500 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का नुकसान होने की संभावना है. सिर्फ बस मालिकों को ही नहीं बल्कि ये नुकसान ट्रक और छोटे व्यवसायिक वाहन से जुड़े लोगों को भी झेलना पड़ा. दरअसल, परिवहन विभाग के साथ-साथ वाहन मालिकों को भी वर्ष 2020 में राजस्व और आर्थिक नुकसान का काफी सामना करना पड़ा है. अब यह देखना होगा कि वर्ष 2020 की मार का असर वाहन मालिकों और ट्रांसपोर्टरों को कब तक सताती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details