रांचीः झारखंड में महागठबंधन में शामिल दलों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. विधानसभा के मानसून सत्र से पहले जहां कांग्रेस आंखें लाल किये थी. वहीं अब राजद के नेताओं के तेवर तल्ख हैं. 20 सूत्री के 15 जिलों में गठन के बाद राजद के वरिष्ठ नेताओं ने इसे महागठबंधन में राजद की उपेक्षा और गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने वाला बताया है.
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इसलिए भी नाराज हैं राजद के नेताःराजद के नेताओं की नाराजगी इसलिए भी है क्योंकि उन्हें लगता है कि सरकार में शामिल होने के बावजूद वह अपने आधार वोटरों की अपेक्षाओं पर खड़ा नहीं उतर पा रहे हैं. यही वजह है कि गाहे बगाहे राजद नेताओं के स्वर काफी तीखे हो जाते हैं. चतरा जिला छोड़ किसी अन्य जिले में राजद को 20 सूत्री में तवज्जों नहीं दिए जाने से नाराज राजद के निवर्तमान उपाध्यक्ष राजेश यादव कहते हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए कि जो सीटें उन्होने जीती हैं, उसमें से 22 सीट की जीत राजद की वजह से है. राजद नेता राजेश यादव कहते हैं कि चक्रधरपुर, जगरनाथपुर, पोटका, ईचागढ़ जैसे कई सीट पर जीत की वजह कौन है यह दोनों दल के नेता जानते हैं. राजद के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि RJD की उपेक्षा क्यों हो रही है यह मुख्यमंत्री से पूछिए क्योंकि वो महागठबंधन के संयोजक हैं.