रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिया है. राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से आच्छादित करना है. इस लक्ष्य को साधने के लिए राज्य के पांचों प्रमंडल में सीबीएसई संबद्धता वाले सरकारी स्कूल 2021 सत्र से आरंभ करें. इन स्कूलों में वो सभी सुविधा और शिक्षक, गुणवत्ता, लाइब्रेरी, लेबोरेटरी, पुस्तकालय, कॉम्पस समेत अन्य सुविधाएं एक अग्रणी नीजि सीबीएसई स्कूल जैसी होनी चाहिए.
किसी भी मामले में सरकारी सीबीएसई स्कूल कमतर ना हो. विभाग के सचिव अपनी निगरानी में इस काम का आरंभ करवाएंगे और बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करेंगे. समय-समय पर कार्य प्रगति की जानकारी भी देंगे. पढ़ाई के साथ आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कार्य भी युद्धस्तर पर हो. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य के 35 हजार स्कूलों में बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे शिक्षकों की गुणवत्ता को और निखारने के लिए उनकी अहर्ताओं को देखें. उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण भी दें. उस आधार पर बच्चों के पढ़ाने के स्तर को और ऊंचा करने की दिशा में सार्थक प्रयास करें. प्राइमरी से लेकर माध्यमिक तक पढ़ाई का स्तर तय होना चाहिए.
बच्चों की कॉपी अब कारागार के बंदी बनाएंगे
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विभाग द्वारा कक्षा 1 से 8 तक वितरित की जाने वाली कॉपी अब संबंधित जिला स्थित कारागार के बंदी बनाएंगे. इन कॉपी के बीच के पन्नों में सरकार जागरूकता से संबंधित जानकारी बच्चों को देगी. विभाग इसकी तैयारी शुरू करे. इसके साथ ही विगत वर्षों में बच्चों के बीच वितरित की गई. कॉपी की जांच करें कि वास्तव में कॉपी का वितरण हुआ है या नहीं. कॉपी में कितने पेज दिए गए, इसकी भी जानकारी यथाशीघ्र उपलब्ध कराएं.