रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश के तमाम मुख्यमंत्रियों की हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रदेश के सीएम हेमंत सोरेन को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि कोरोना से निपटने के लिए तकनीकी उपकरणों की उपलब्धता दुनिया के हर कोने में खंगाली जा रही है. जैसे ही उपकरण उपलब्ध होंगे, उसी हिसाब से राज्यों को भेजा जाएगा. प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद सोरेन ने माना कि राज्य में मेडिकल इक्विपमेंट की कमी है. साथ ही उन मेडिकल इक्विपमेंट्स को चलाने के लिए जो क्राइटेरिया हैं उसमें भी कमियां हैं.
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सीएस के साथ भी की बैठक
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि अधिकारियों के साथ भी बैठक हुई है. चीफ सेक्रेटरी (सीएस) सुखदेव सिंह के साथ भी उनकी बात हुई है. उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में एहतियात रखने की जरूरत है. साथ ही प्रशासन जो नियम लागू करें उसे फॉलो करने की जरूरत है. अगर कोरोना को रोकना है तो हमें रुकना होगा, जो जहां हैं, वहीं रुका रहे, जल्दबाजी न करें. इसी में लोगों की सुरक्षा छिपी है.
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'बाहर से आनेवाले लोगों को डरने की जरूरत नहीं'
साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर जो लोग दूसरे इलाकों से आ रहे हैं, उन्हें इस महामारी से डरने की जरूरत नहीं है. वैसे लोग खुद बाहर आकर के प्रशासन के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और अपनी जांच भी करा सकते हैं.
बता दें कि झारखंड में अब तक कोरोना संक्रमण का एक ही मामला सामने आया है. जिसके तार दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं. जमात में हिस्सा लेने आई मलेशिया की एक युवती को कोरोना संक्रमण से ग्रसित पाया गया है और फिलहाल उसे रिम्स में बने आइसोलेशन में रखा गया है.