रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अपने छोटे भाई बसंत सोरेन के जन्मदिन को लेकर ट्वीट किए गए फोटो पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. दरअसल यह तस्वीर 2016 की है जब पहली बार बसंत सोरेन 'इनडायरेक्ट इलेक्टोरल पॉलिटिक्स' में अपना कैरियर आजमाने उतरे थे. 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया, लेकिन पर्याप्त आंकड़े रहने के बावजूद उन्हें मुंह की खानी पड़ी.
सीएम हेमंत सोरेन का ट्वीट राज्यसभा चुनाव में मिली थी शिकस्त
उस राज्यसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद बसंत सोरेन दोबारा इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में अपना भाग्य नहीं आजमा पाए. हालांकि, इस दौरान प्रदेश में 2018 में राज्यसभा चुनाव हुए, 2019 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव हुए, 2020 में राज्यसभा चुनाव हुए. इस बीच उनके बड़े भाई और राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में संथाल परगना की 2 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़े और जीत भी दर्ज कराई. उनकी भाभी सीता सोरेन ने अपनी जामा विधानसभा सीट रिटेन की. लेकिन बसंत सोरेन को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला था. बसंत झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे हैं और पार्टी की युवा इकाई का नेतृत्व देख रहे हैं.
ये भी पढ़ें-बेखौफ चोर: कोल ट्रेड कारोबारी के दफ्तर से उड़ाए 8 लाख, CCTV में कैद हुई चोरों की तस्वीर
क्या हुआ था 2016 के रास चुनाव में
2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में विपक्ष के दो 2 विधायकों के क्रॉस वोटिंग और दो के एब्सेंट के कारण झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन को हार का मुंह देखना पड़ा. दोनों सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार विजयी हुए. उनमें से एक मुख्तार अब्बास नकवी को 30 वोट मिले थे, जबकि महेश पोद्दार ने 26.66 वोट लाकर बसंत सोरेन को हराया था. जबकि बसंत सोरेन के पास कुल 30 वोट रहते हुए भी उन्हें महज 26 वोट ही हासिल हुए थे. विपक्ष की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा और कांग्रेस के पांकी से विधायक बिट्टू सिंह वोट डालने नहीं पहुंचे. हालांकि, विपक्ष ने वोटिंग के बाद दावा भी किया था कि बसंत सोरेन के समर्थन में 28 विधायकों ने वोट डाले. मतगणना के बाद यह तस्वीर साफ हुई कि विपक्ष के 2 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. उसके बाद सारा समीकरण बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार महेश पोद्दार के पक्ष में चला गया. तत्कालीन राजनीतिक समीकरण के अनुसार, झारखंड मुक्ति मोर्चा को कांग्रेस, मासस और जेवीएम के विधायकों का समर्थन था.
ये भी पढ़ें-कोविड-19 को लेकर केंद्र के लोन देने पर झारखंड सरकार ने जताई आपत्ति, कहा- बकाया न देकर लोन देने का कदम गलत
दुमका उपचुनाव में उम्मीदवारी को लेकर हो रही है चर्चा
जेएमएम के अंदरूनी सूत्रों की माने तो बसंत सोरेन दुमका विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में पार्टी बसंत सोरेन को उतारने का मन बना रही है. हालांकि, इसको लेकर अभी तक औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन बसंत दुमका में एक्टिव बताए जा रहे हैं. दरअसल, दुमका और बरहेट विधानसभा से 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने चुनाव लड़ा था. दोनों सीटों पर जीत के बाद हेमंत ने दुमका सीट छोड़ दी. उसके बाद से यह विधानसभा इलाका खाली है. बसंत सोरेन के जन्मदिन के मौके पर उनकी भाभी और जामा विधानसभा इलाके से विधायक सीता सोरेन ने भी शुभकामनाएं दी हैं.