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JPSC विवाद पर बोले सीएम, रोज मनाते हैं नहीं पास हो उनके घर का कोई बच्चा

गुरुवार को जेपीएससी मामले पर सीएम हेमंत सोरेन ने जवाब दिया. हेमंत सोरेन ने कहा कि जेपीएससी के मामले में सरकार ने अपने दायरे को नहीं समझा और जेपीएससी ने भी अपनी सीमाएं नहीं समझी. नतीजा यह हुआ कि परीक्षार्थी परेशानी झेलते रहे. उनमें से कई न्यायालय के शरण में भी गए.

CM Hemant Soren statement on JPSC controversy
सीएम हेमंत सोरेन

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Published : Mar 12, 2020, 5:41 PM IST

रांची: झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन के द्वारा आयोजित परीक्षाओं में उपजे विवाद को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कहा कि वह रोज सुबह उठकर यह मनाते हैं कि उनके घर परिवार का कोई बच्चा जेपीएससी में पास न हो. सोरेन ने यह बात ध्यानाकर्षण के दौरान प्रदीप यादव के सवाल पर जवाब देते हुए कही.

सीएम हेमंत सोरेन का बयान

हेमंत सोरेन ने कहा कि जेपीएससी के मामले में सरकार ने अपने दायरे को नहीं समझा और जेपीएससी ने भी अपनी सीमाएं नहीं समझी. नतीजा यह हुआ कि परीक्षार्थी परेशानी झेलते रहे. उनमें से कई न्यायालय के शरण में भी गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बच्चे उनके पास आते हैं कि वह जेपीएससी की परीक्षा पास करा दें. उन्होंने कहा कितना अविश्वास सा हो गया है.

प्रदीप यादव ने उठाया था मामला

दरअसल, प्रदीप यादव ने सातवीं जेपीएससी परीक्षा में पीटी की परीक्षा में रिजर्वेशन नहीं मिलने के मामले को उठाया था. उन्होंने कहा कि जेपीएससी अभी भी बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन के नियमावली को फॉलो कर रही है. ऐसे में सरकार को यहां अलग नियमावली बनानी चाहिए.

सीएम ने दिया जवाब

इस मामले में जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के बाद से जेपीएससी परीक्षा विवाद में रही है. उन्होंने कहा कि रिजर्वेशन का लाभ नहीं मिलता है तो समाज के अंदर कई बातें उभरती हैं. उन्होंने कहा कि सातवीं जेपीएससी की प्रक्रिया चल रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपीएससी एक स्वतंत्र एजेंसी है और उसकी कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगे और परीक्षा होनी थी. एडवर्टाइजमेंट प्रकाशित हुआ था, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया है.

सीएम ने कहा कि आने वाले समय में बेहतर हो इसके लिए जेपीएससी की नियमावली बनेगी. उस दौरान रिजर्वेशन का भी ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि विकास आयुक्त के नेतृत्व में एक समिति बनी है जो अध्ययन कर रही है. वहीं, भाकपा माले के विनोद सिंह ने कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिए कि छठी जेपीएससी में नियमों का पालन किया गया या नहीं, जबकि उससे जुड़े इंटरव्यू हो गए हैं.

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छठी जेपीएससी पर है सरकार की नजर

मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि छठी जेपीएससी की बात उनके संज्ञान में है. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि नियमावली में सारी बातों को ध्यान में रखा जाएगा. एक-दूसरे मामले में बिरंचि नारायण के ध्यानाकर्षण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत जल्द विस्थापन आयोग बनेगा और 5 साल के अंदर इस समस्या का निपटारा भी किया जाएगा.

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