रांची: दिल्ली में मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाई गई झारखंड के अलग-अलग जिलों की 41 बच्चियों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीधी बात की. मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आपका बड़ा भाई राज्य चला रहा है. अब आपको किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है, आप सभी की चिंता सरकार करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के नाबालिग होने तक प्रतिमाह 2000 रु का भत्ता दिया जाएगा. बालिग होने पर बच्चियों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा जाएगा.
उन्होंने बच्चों से कहा कि अगर दिल्ली या किसी और शहर में आपके जान पहचान की कोई लड़की फंसी हुई है तो उसकी भी जानकारी आप हमें दें. अगर स्वेछा से बच्ची वहां काम करने गई है तो उसे यह बताएं कि अब उन्हें घर लौटना चाहिए क्योंकि सरकार उनके लिए सब कुछ करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों की लड़कियां मानव सेवा में लगी हुई हैं. डॉक्टर और नर्स बन रही हैं लेकिन झारखंड के हमारे बच्चे दाई और नौकर के नाम से जाने जाते हैं. यह सुनकर बहुत तकलीफ होती है, उन्होंने कहा कि पिछले दिनों चान्हों के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई पूरी करने वाली एक सौ से ज्यादा बच्चियों को देश के बड़े-बड़े अस्पतालों में नौकरी मुहैया कराई गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनको पढ़ाई में मन नहीं लगता उन्हें हताश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि पढ़ लिख कर ही सिर्फ बड़ा नहीं बना जा सकता. हुनरमंद बन कर भी बड़ा बना जा सकता है, पिछले दिनों सीडब्ल्यूसी और एक संस्था की पहल पर इन सभी बच्चों को दिल्ली से मुक्त कराया गया था, बाद में सरकार की पहल पर सभी को विमान से रांची लाया गया था.
बच्चियों ने कहा, नहीं जाना चाहते घर