रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई तीसरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पहली बार बोलने का मौका मिला. शनिवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री सोरेन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से रेवेन्यू कलेक्शन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में राज्य में काम कर रहे केंद्र सरकार के उपक्रम के बकाए की पूर्ति के लिए पहल करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र के सीसीएल, डीवीसी और राज्य सरकार के अन्य बकाएदार उपक्रम लैस रिलीज कर दें तो कोरोना लड़ाई में थोड़ी राहत होगी.
उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि झारखंड इकलौता ऐसा राज्य है, जहां मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी सबसे कम है. यही वजह है कि यहां से मजदूरों का पलायन दूसरे राज्यों में होता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी को 300 रुपए करने के बारे में सोचे. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि झारखंड दोनों स्थितियों में बड़ी समस्या झेल सकता है.
लॉकडाउन हटने पर 5 लाख लोग आएंगे
सीएम ने कहा कि लॉकडाउन हटता है तो ऐसी स्थिति में दूसरे राज्यों से एक अनुमान के तौर पर 5 लाख लोग झारखंड आएंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि यह वह लोग हैं जो उन राज्यों में फंसे हैं, जहां सबसे ज्यादा संक्रमण है. ऐसे में यह उस संक्रमण के कैरियर के रूप में भी स्थापित हो सकते हैं और अगर यह अपने गांव चले गए तो स्थिति गंभीर हो जाएगी. वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत दिनों तक लॉकडाउन करने की स्थिति में भी राज्य नहीं है.