रांची: बैंकों से अनुसूचित जनजाति को लोन नहीं मिलने की शिकायत पर राज्य सरकार ने गंभीरता दिखाई है. सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने को लेकर बैठक की. प्रोजेक्ट भवन में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए इस दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ऋण नहीं मिल पाने की समस्या अविभाजित बिहार से चली आ रही है. ऐसी व्यवस्था हो ताकि अनुसूचित जनजाति के लोग व्यवसाय और अन्य क्षेत्र में आगे बढ़ सकें. अनुसूचित जनजाति के लोगों के पास भूमि है. लेकिन वो उसका उपयोग खुद को आत्मनिर्भर बनाने में नहीं कर पाते हैं. शिकायतें आती हैं कि उन्हें बैंक से ऋण उपलब्ध नहीं हो पाता है. अनुसूचित जनजाति समुदाय के 28 प्रतिशत लोग इस राज्य में हैं. अगर अनुसूचित जाति समुदाय को सम्मिलित कर लें तो यह 40 प्रतिशत तक हो जाती है. ऐसे में उन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में हम सभी का सामूहिक प्रयास होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बैंक आदिवासी समुदाय के लोगों की भूमि छीन लेगी तो उनका अस्तित्व ही छीन जाएगा. उनके अस्तित्व को सुरक्षित रखते हुए हमें कार्य करना है.
सीएम ने बैंक प्रबंधन को दिया सहयोग करने का आश्वासन