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गृह विभाग के अफसर को गोली मारने के मामले में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर, आरोपियों का नहीं मिला सुराग - No clue found of accused in case of shooting officer

झारखंड सरकार के गृह विभाग के सेक्शन अफसर मनोज कुमार को गोली मारने के मामले में पांच साल तक कोई सबूत नहीं मिलने के बाद कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी गई है. केस के अनुसंधानक रविकांत प्रसाद ने इस मामले में केस में दायर क्लोजर रिपोर्ट में केस को सत्य लेकिन सूत्रहीन बताते हुए केस को बंद करने संबंधी प्रतिवेदन दिया है.

Closure report filed in court in case of shooting home department officer
गृह विभाग के अफसर को गोली मारने के मामले में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर

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Published : May 17, 2020, 9:59 PM IST

रांची: साल 2015 में मनोज कुमार को रांची के धुर्वा गोलचक्कर के पास बाइक सवार दो अज्ञात अपराधियों ने गोली मार दी थी. गोली मारे जाने के बाद से अपराधियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया था. इस मामले में धुर्वा थाना में दर्ज केस का अनुसंधान बाद में सीआईडी ने टेकओवर किया था.

सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा लगातार सीआईडी में लंबे समय से लंबित केस की समीक्षा कर रहे हैं. सीआईडी एडीजी ने स्वयं गृह विभाग के सेक्शन अफसर को गोली मारे जाने के मामले की समीक्षा की थी. समीक्षा के बाद उन्होंने आदेश दिया कि केस को सत्य लेकिन सूत्रहीन बताकर बंद किया जाए. अगस्त 2015 में धुर्वा गोलचक्कर के समीप ड्यूटी जाने के क्रम में मनोज कुमार को गोली मार दी गई थी.

घटना के बाद सचिवालयकर्मियों ने अपराधियों को दबोचने के लिए आंदोलन तक किया था. सचिवालयकर्मियों की मांगों को देखते हुए इस मामले में सीआईडी जांच के आदेश दिए गए थे. तकरीबन साढ़े चार साल तक चले अनुसंधान के दौरान सीआईडी ने जमीन विवाद समेत कई पहलुओं पर जांच की. विभाग की एक महिला कर्मी से भी सीआईडी ने पूरे मामले में पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. ऐसे में सीआईडी ने केस को सत्य लेकिन सूत्रहीन मानते हुए बंद करने का निर्णय लिया है.

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