रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने आज 22 साल पुराने मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है. 1999 में नामकुम थाना क्षेत्र होना हाफ फायरिंग क्षेत्र में सेना के अभ्यास के दौरान मारी गई महिला वेनी टोप्पो के पुत्र को कोर्ट ने 3 लाख रुपया 7.5 फीसदी ब्याज के साथ डीसी को देने का आदेश दिया है. जो मृत्यु की तिथि से देय तिथि तक लागू होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने ब्याज की राशि उन संबंधित अधिकारी से वसूल करने को कहा है. जिसके कारण मुआवजा देने में विलंब हुआ.
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कोर्ट में क्या हुआ
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश केपी देव की अदालत में मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि मृत महिला के पुत्र क्लेमेंट टोप्पो ने मुआवजे की मांग को लेकर रांची डीसी को आवेदन दिया. लेकिन वहां से कार्यवाही नहीं होने के बाद उन्होंने तत्कालीन बिहार सरकार, केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय, प्रधानमंत्री, मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रपति को भी पत्र लिखकर मुआवजे की गुहार लगाई. लेकिन मुआवजा नहीं मिला. कई वर्ष बीतने के बाद अंततः उन्होंने हाईकोर्ट में वर्ष 2012 में याचिका दायर कर मुआवजे की मांग की गुहार लगाई. कोर्ट में भी लगभग 9 वर्ष सुनवाई के बाद आज ये फैसला आया.
कोर्ट ने मांगा था केंद्र से जवाब
बता दें कि इस मामले में अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. केंद्र सरकार की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि वर्ष 2016 से पूर्व तीन लाख मुआवजा का प्रावधान था. उसके बाद से 5 लाख मुआवजे का प्रावधान है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत रांची डीसी को 3 लाख का मुआवजा राशि 7.5 प्रतिशत ब्याज की दर से भुगतान करने का आदेश दिया है. यह भुगतान 60 दिन में करने और कोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिया है.