झारखंड

jharkhand

रंगदारी के आरोपियों को थाने से छोड़ा, अब सीआईडी करेगी खुलासा

By

Published : Feb 23, 2020, 7:23 AM IST

रांची में रंगदारी के मामले में पकड़े गए आरोपियों को छोड़ दिया गया है. इससे सीआईडी काफी गंभीर है. सीआईडी ने मामले में शामिल पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच करने का आदेश इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को दिया है.

CID to investigate release of accused caught in extortion case in ranchi
सीआईडी ने दिए जांच के आदेश

रांची: पुलिस की रंगदारी के मामले में एक साथ पकड़े गए सात आरोपियों में छह को थाने से छोड़े जाने पर सीआईडी मुख्यालय गंभीर है. सीआईडी ने छह लोगों को थाने से छोड़ने के मामले में शामिल पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को दिया है.

ये भी पढ़ें-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने संगोष्ठी का किया आयोजन, आदिवासियों से जुड़े मामलों पर हुई चर्चा

गैंगस्टर सुजीत भी शामिल

गौरतलब है कि जून 2019 में तुपुदाना इंडस्ट्रियल एरिया स्थित स्पेंशरस विवरेज बीयर फैक्ट्री में हमला और रंगदारी को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. पूरे मामले में फैक्टरी के निदेशक योगेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया था कि जेल में बंद सुजीत सिन्हा की मदद से फैक्टरी पर कब्जे की कोशिश की जा रही है. सुजीत सिन्हा ने अपने गुर्गों को भेजकर कब्जा के लिए हमला करवाया. इससे पहले सुजीत सिन्हा के नाम पर दस लाख रुपये की रंगदारी भी मांगी गई थी.

क्या है मामला

जून 2019 में कंपनी परिसर पर आकाश कुमार सिन्हा समेत अन्य लोगों ने धावा बोला था. कंपनी में कर्मचारी और केयर टेकर के साथ मारपीट की घटना हुई थी. तुपुदाना ओपी पुलिस ने तब तत्कालीन सिटी एसपी सुजाता वीणापानी की मौजूदगी में सात लोगों को गिरफ्तार किया था. लेकिन पुलिस ने मामले में सिर्फ एक हमलावर को जेल भेजा, बाकि छह को पैरवी के बल पर छोड़ दिया गया. घटना के वक्त मौके से 12 बाइक, एक फॉचूनर कार भी जब्त की गई थी. लेकिन सभी को छोड़ दिए गए.

सीआईडी ने कैसे शुरू की जांच

जेल भेजे गए आकाश के पिता ने पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की थी. छह आरोपियों को थाने से छोड़े जाने के पीछे राज्य पुलिस मुख्यालय के एक आईजी स्तर के अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं. शिकायत मिलने के बाद सीआईडी मुख्यालय ने इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को जांच का आदेश दिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details