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झारखंड पुलिस में ईडी के नोडल अफसर बने सीआईडी एसपी, ED को भेजेंगे आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों की रिपोर्ट

झारखंड में हवाला कारोबार पर नकेल कसने के लिए अब सीआईडी एसपी को एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल का नोडल अफसर बनाया गया है. ईडी ने काफी पहले ही राज्य में एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल गठित करने के साथ-साथ ईडी को हवाला, मनी लाउंड्रिंग या आर्थिक अपराध से जुड़े कांडों पर ईडी को जानकारी देने के लिए नोडल अधिकारी रखने की मांग की थी.

CID SP becomes the nodal officer of ED
झारखंड सीआईडी

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Published : Nov 29, 2020, 4:15 PM IST

रांची:प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निर्देश पर झारखंड पुलिस में ईडी से संबंधित मामलों के समन्वय के लिए सीआईडी एसपी को एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल का नोडल अफसर बनाया है. सीआईडी में आर्थिक अपराध शाखा के प्रभारी एसपी को नोडल पदाधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है. राज्य में आर्थिक अपराध से जुड़े वैसे मामले जिसमें मनी लाउंड्रिंग की संभावनाएं हो उसकी जानकारी प्रत्येक महीने देनी है.

हवाला कारोबार पर नकेल की कवायद
हवाला और मनी लाउंड्रिंग के कारोबार पर लगाम कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह पहल की थी, जिसके बाद आईजी मुख्यालय ने इस संबंध में सीआईडी एडीजी से पत्राचार किया था. सीआईडी को भेजे गए पत्र में एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल गठित करने और इसके लिए नोडल पदाधिकारी के तौर पर किसी अधिकारी को जिम्मेदारी देने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सीआईडी एडीजी को लिखा था. ईडी ने पहली बार 18 नवंबर 2019 को पत्र लिखकर राज्य में एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल गठित करने के साथ-साथ ईडी को हवाला, मनी लाउंड्रिंग या आर्थिक अपराध से जुड़े कांडों पर ईडी को जानकारी देने के लिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त करने का आदेश दिया था.

एक अप्रैल 2018 के बाद दर्ज मामलों की मांगी जानकारी
ईडी ने एक अप्रैल 2018 के बाद दर्ज आर्थिक अपराधों की जानकारी मांगी है. ईडी ने डीजीपी को लिखे पत्र में लिखा है कि ईडी के पूर्व के पत्र के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने की जानकारी दी थी, साथ ही वैसे सभी आर्थिक अपराधों से जुड़ी जानकारी मांगी गई है, जिसमें मनी लाउंड्रिंग की गुंजाइश हो.

राज्य पुलिस के दर्ज केस पर ही कार्रवाई करती है
दरअसल, ईडी राज्य पुलिस या दूसरी जांच एजेंसियों के द्वारा पहले से दर्ज केस में ही जांच करती है. जिस केस में मनी लाउंड्रिंग की संभावनाएं दिखती हैं, उस केस में पुलिस के एफआईआर के आधार पर ईडी जांच करती है. ऐसे में ईडी और पुलिस के बीच समन्वय जरूरी होता है. इसी वजह से नोडल पदाधिकारी का होना अनिवार्य माना जा रहा था. पुलिस की एफआईआर, जांच से जुड़े कागजात, चार्जशीट तक की जरूरत ईडी को पड़ती है. सीआईडी के एसपी अब नोडल पदाधिकारी के रूप में ईडी और राज्य पुलिस के बीच समन्वय का भी काम करेंगे.

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