रांचीः कहते हैं प्रेम में कायनात बदलने की ताकत होती है. जहां प्रेम है, वहां खुशियां हैं, सुकून है. फिर भी प्रेम की मिसालें बहुत कम दी जाती हैं. क्योंकि सच्चा प्रेम सबको नसीब नहीं होता. हर कान्हा को मैया यशोदा नहीं मिलती. लेकिन रांची के चिड़ियाघर में पिछले साल आया नन्हा सम्राट (हाथी का बच्चा) बहुत सौभाग्य वाला निकला. उसपर लखी अपनी ममता लुटाने लगी है. एक मां का प्रेम पाने के लिए सम्राट को लंबा इंतजार करना पड़ा. अब दोनों चिड़ियाघर का आकर्षण बन गए हैं. सम्राट को एक पल भी अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देती है लखी.
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वाइल्ड लाइफ सप्ताह चल रहा है. इसलिए ईटीवी भारत अपने पाठक और दर्शकों के लिए दो बेजुबानों के प्रेम की कहानी की अनोखी तस्वीर साझा कर रहा है. वैसे मां की ममता पाने वाले सम्राट की कहानी बेहद तकलीफ भरी रही है. पिछले साल 9 मार्च 2020 को पोड़ाहाट के जंगल में नन्हा सम्राट असहाय हालत में मिला था. तब उसकी उम्र सिर्फ पांच माह थी. डिहाइड्रेट हो चुके सम्राट का बचना मुश्किल लग रहा था लेकिन वन विभाग ने उसे बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी.
आनन-फानन में उसे रांची चिड़ियाघर लाया गया. यहां डॉ अजय ने इलाज शुरू किया और उसे नई जिंदगी दी. तीन माह के स्पेशल केयर के बाद जब सम्राट पूरी तरह ठीक हो गया तो उसे चिड़िया घर में अकेली 17 साल की लखी नामक हथिनी के साथ रखने का फैसला लिया गया. चिड़ियाघर प्रबंधन का यह प्लान कारगर हो गया. अकेली लखी को सम्राट को अपनाने में थोड़ा वक्त जरूर लगा लेकिन अब दोनों प्रेम का संदेश दे रहे हैं. चिड़ियाघर जैसे रिस्ट्रिक्टेड एरिया में दो बेजुबानों का ऐसा प्रेम बहुत कम देखने को मिलता है.