रांची: बिजली आज की आवश्यक जरूरतों में से एक है. समय के साथ बिजली की खपत बढ़ती जा रही है. ऐसे में भविष्य में बिजली की जरूरतों और मांग का आकलन करते हुए बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विभाग समुचित कदम उठाए और लोगों को निर्बाध बिजली मिले इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
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ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने का समय आ चुका है. ऐसे में राज्य में सोलर पावर और जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए. हेमंत सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं के लिए सभी जलाशयों का सर्वे करें और उसकी संभावित उत्पादन क्षमता को लेकर कार्य योजना तैयार करें.
सोलर पावर एनर्जी पर जोर
राज्य में सोलर पावर एनर्जी के क्षेत्र में काफी संभावनाओं को देखते हुए इसे विकसित करने पर जोर दिया गया. बैठक में सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए लैंड बैंक बनाने का निर्णय लिया गया. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विभाग को सोलर पावर प्लांट के उत्पादन क्षमता का आकलन करते हुए जमीन की जरूरत का ब्यौरा तैयार करने को कहा है.
राजस्व बढ़ाकर बिजली घाटे को कम करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली से होने वाला घाटा लगातार बढ़ रहा है. इसे पाटने की दिशा में विभाग को कदम उठाना चाहिए. उन्होंने बिजली से राजस्व बढ़ाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए. इस मौके पर विभाग की ओर से बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिजली परिचालन हानि लगभग 2480 करोड़ रुपए रहा है. इसकी वजह कोरोना की वजह से बिजली बिल वसूली का नहीं होना प्रमुख रहा. विभागीय अधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा विभाग को प्रॉफिट मेकिंग बनाने की दिशा में कार्य योजना तैयार की जा रही है. आने वाले दिनों में झारखंड न सिर्फ बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि बिजली से आमदनी करने में भी सक्षम होगा.