रांचीः प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्थाई स्रोत के सृजन कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इस क्रम में ग्रामीण विकास विभाग की तीन योजना की शुरुआत की जा रही है. जिनमें बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना शामिल है. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के मार्फत 25 करोड़ मानव दिवस का सृजन होने की संभावना है. साथ ही मजदूरों के खाते में लगभग 5000 करोड़ रुपये का भुगतान होगा. इन योजनाओं का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र के हिस्सेदारी को मिलाकर अगले 5 साल में इन योजनाओं के ऊपर लगभग 20 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मकसद केवल फलदार वृक्षों को लगाने और उनका संरक्षण करना नहीं है बल्कि रोजगार उत्पन्न करना है.
केवल पौधे लगाने और संरक्षित करना मकसद नहीं
सीएम ने कहा कि इन योजनाओं के पीछे एक साइकिल प्रारंभ करने की कोशिश है. जिसके अनुसार फूड प्रोसेसिंग कर लोगों को स्थाई तौर पर रोजगार मिल सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक कंटीन्यूअस प्रोसेस है. जिसके आधार पर फल के पौधे लगाए जाएंगे, उनसे निकलने वाले फलों का प्रोक्योरमेंट होगा, बाजार तैयार होगा और फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर लोगों के सस्टेनेबल ग्रोथ की कोशिश की जा रही है.
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