रांची: पुलिस और अपराधियों के बीच दोस्ती कोई नई बात नहीं है. समय-समय पर कई ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, जिसमें पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत अपराधियों से और अवैध कारोबारियों से होने के सबूत मिलते रहे हैं. इसी बीच रांची के सीनियर एसपी अपने पुलिसकर्मियों को काजल की कोठरी से बचाने के लिए उनका कैरेक्टर वेरिफिकेशन करवाना शुरू कर दिया है.
रांची में न हो विकास दूबे जैसा प्रकरण, पुलिस कर्मियों का होगा कैरेक्टर वेरीफिकेशन - रांची में पुलिस कर्मियों का डाटा बेस
यूपी के विकास दुबे जैसा प्रकरण रांची में न हो, इसके लिए रांची पुलिस गंभीर हो गई है. अब रांची के पुलिस कर्मियों का कैरेक्टर वेरीफिकेशन होगा. रांची के सीनियर एसपी सुरेद्र कुमार झा ने वैसे पुलिस कर्मियों का डाटा बेस तैयार करने का निर्देश दिया जो किसी मामले में दागी रहे हैं.
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जमीन कारोबार में पुलिस की रहती है संलिप्तता
जनवरी 2020 में जमीन विवाद में लगातार हो रही हत्या के बाद तत्कालीन डीजीपी कमल नयन चौबे ने खुद संज्ञान लिया था. इसके बाद आला अधिकारियों के साथ बैठक कर जमीन के कारोबार में शामिल पुलिस अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, ताकि उन्हें राज्य से बाहर भेजा जाए. रांची समेत अन्य जिलों में पुलिस कर्मियों के जमीन कारोबार में संरक्षण देने की सूचनाएं पर सितंबर 2019 में राज्य में जमीन की दलाली में लगे पुलिस अफसरों को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने वीआरएस देने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा राज्य के सभी जिले में अवैध शराब कारोबार में पुलिस संरक्षण की बात सामने आ चुकी है. शराब कारोबारी नकली शराब कई थाना क्षेत्रों में बेरोकटोक सप्लाई करते हैं. अवैध शराब का कारोबार करने वाले शराब माफिया को स्थानीय थानों का संरक्षण प्राप्त रहता है.
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