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मैट्रिक-इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर विभाग की तैयारी, कोरोना को लेकर परीक्षा पैटर्न में भी हो सकता है बदलाव - झारखंड में इंटरमीडिएड की परीक्षा

कोरोना महामारी के कारण लगभग 8 महीने से राज्य के स्कूल कॉलेज बंद है. मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के निर्देश पर जैक द्वारा की जा रही है. इन दोनों परीक्षाओं में कई बदलाव देखने को मिलेंगे.

intermediate examination in jharkhand
इंटरमीडिएट परीक्षा

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Published : Nov 25, 2020, 12:38 AM IST

रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर शिक्षा जगत में कई बदलाव देखने को मिल रहा है. इस बार मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थी बिना स्कूल जाए अपने पढ़ाई के भरोसे परीक्षाएं देंगे. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग अन्य राज्य के परीक्षा के पैटर्न के आधार पर प्रश्नों के पैटर्न में बदलाव करने को लेकर विचार कर रही है.

कोरोना महामारी के कारण लगभग 8 महीने से राज्य के स्कूल कॉलेज बंद है. मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के निर्देश पर जैक द्वारा की जा रही है. इन दोनों परीक्षाओं में कई बदलाव देखने को मिलेंगे. जानकारी के मुताबिक, मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के प्रश्नों में बदलाव करने को लेकर योजना बनाई जा रही है. खासकर सब्जेक्टिव और ऑब्जेक्टिव प्रश्नों में अधिक विकल्प होंगे.

सीबीएसई के परीक्षा पैटर्न के अलावा झारखंड शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न राज्यों के परीक्षा पैटर्न का अध्ययन किया जा रहा है. गौरतलब है कि विभाग की ओर से सिलेबस में भी कटौती की गई है. उसी के आधार पर यह परीक्षाएं आयोजित होंगी. मैट्रिक और इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षाएं मार्च के अंत तक आयोजित किए जाएंगे. विद्यार्थियों का रिजल्ट बेहतर हो इसे लेकर विभाग अपने स्तर पर जैक के साथ तालमेल बैठा कर काम कर रहा है. अन्य राज्यों के परीक्षा पैटर्न की जानकारियां जुटाई जा रही हैं. दिसंबर महीने के दूसरे सप्ताह तक विद्यार्थियों को मॉडल प्रश्न पत्र के साथ उत्तर भी उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

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विद्यार्थियों की परेशानी

इधर, विद्यार्थियों के लिए योजनाएं तो शिक्षा विभाग की ओर से बनाई जा रही है, लेकिन विद्यार्थियों को यह समझ नहीं आ रहा है कि सिलेबस में कटौती करने के बाद किस चैप्टर को पढ़ना है और किस चैप्टर को नहीं. इसकी सही मॉनिटरिंग विभाग की ओर से नहीं हो रही है. विद्यार्थियों को जो परामर्श शिक्षकों से फिलहाल मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है. विद्यार्थी इन दोनों परीक्षाओं को लेकर थोड़े परेशान जरूर है.

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