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हेमंत मंत्रिमंडल में क्या बदलेगा कांग्रेस कोटे के मंत्रियों का चेहरा, जानिए किन-किन चेहरों पर लग सकता है दांव

राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) की ओर से किए गए क्रॉस वोटिंग और फिर पश्चिम बंगाल में पैसे से साथ तीन विधायकों की गिरफ्तारी. इस घटना के बाद हेमंत कैबिनेट (Hemant cabinet) में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की चेहरे बदले जाने की संभावना जताई जा रही है.

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हेमंत मंत्रिमंडल में क्या बदलेगा कांग्रेस कोटे के मंत्रियों का चेहरा

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Published : Aug 5, 2022, 8:30 AM IST

रांचीः राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग और फिर पश्चिम बंगाल में तीन कांग्रेसी विधायक पैसे के साथ गिरफ्तार किए गए. इसके बाद झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) की अंदरुनी विवाद थाना तक पहुंच गई है. इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच कयास लगाया जा रहा है कि हेमंत कैबिनेट (Hemant cabinet) में कांग्रेस कोटे के चार में से तीन मंत्रियों को बदला जायेगा. हालांकि, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष इस बात से इंकार कर रहे हैं.

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पार्टी सूत्रों की माने तो भले ही कांग्रेस कोटे की मंत्रियों में कई चेहरे बदल जाने का कयास लग रहे हों. लेकिन यह इतना आसान नहीं है. स्थिति यह है कि कांग्रेस आलाकमान चेहरा भी बदले तो भरोसा किस पर करे. यह मंथन अभी चल ही रहा है. कांग्रेस कोटे से हेमंत सोरेन सरकार में शामिल चार मंत्री में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ओबीसी, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ब्राह्मण समाज और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव जनजातीय समाज से हैं. जाहिर है कि कांग्रेस अपनी तरफ से सभी समुदाय को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है. लेकिन आलमगीर आलम को छोड़ बाकी तीन चेहरे बदले जाते हैं तो उनकी जगह विकल्प कौन कौन होगा. यह कांग्रेस के अंदर बड़ा सवाल है.

देखें पूरी रिपोर्ट

पैसे के साथ कोलकता में गिरफ्तार कांग्रेस के तीन विधायक निलंबित हैं. इस स्थिति में कांग्रेस के पास कैबिनेट में चेहरा बदलने का विकल्प बेहद कम है. राष्ट्रपति चुनाव में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के फरमान को अनदेखा करते हुए कांग्रेस के नौ से दस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. इन सभी विधायकों पर पार्टी आलाकमान की पैनी नजर है.

81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में सबसे ज्यादा 5 महिला विधायक कांग्रेस से है. इसमें दीपिका पांडे सिंह, अंबा प्रसाद, पूर्णिमा नीरज सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की और ममता देवी शामिल हैं. लेकिन कांग्रेस संगठन में बड़ी भूमिका निभाने में दीपिका पांडे सिंह के अनुभव को छोड़ दें तो इन सभी महिला विधायकों के पास संसदीय अनुभव अधिक नहीं है. इन पांच महिला विधायकों में से कुछ ने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है. यही वजह है कि पार्टी नेतृत्व जल्दी इन महिला विधायकों में से किसी को मंत्रिमंडल में शामिल करने के मूड में नहीं है.

उमाशंकर अकेला और प्रदीप यादव दोनों ऐसे विधायक हैं, जिनका कांग्रेस से पुराना नाता नहीं रहा है. इस स्थिति में मंत्रिमंडल में फेरबदल करना कांग्रेस आलाकमान के लिए आसान नहीं है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अभी तक उन्हें कोई जानकारी बदलाव की नहीं है.

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