रांचीः राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग और फिर पश्चिम बंगाल में तीन कांग्रेसी विधायक पैसे के साथ गिरफ्तार किए गए. इसके बाद झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) की अंदरुनी विवाद थाना तक पहुंच गई है. इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच कयास लगाया जा रहा है कि हेमंत कैबिनेट (Hemant cabinet) में कांग्रेस कोटे के चार में से तीन मंत्रियों को बदला जायेगा. हालांकि, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष इस बात से इंकार कर रहे हैं.
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पार्टी सूत्रों की माने तो भले ही कांग्रेस कोटे की मंत्रियों में कई चेहरे बदल जाने का कयास लग रहे हों. लेकिन यह इतना आसान नहीं है. स्थिति यह है कि कांग्रेस आलाकमान चेहरा भी बदले तो भरोसा किस पर करे. यह मंथन अभी चल ही रहा है. कांग्रेस कोटे से हेमंत सोरेन सरकार में शामिल चार मंत्री में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ओबीसी, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ब्राह्मण समाज और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव जनजातीय समाज से हैं. जाहिर है कि कांग्रेस अपनी तरफ से सभी समुदाय को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है. लेकिन आलमगीर आलम को छोड़ बाकी तीन चेहरे बदले जाते हैं तो उनकी जगह विकल्प कौन कौन होगा. यह कांग्रेस के अंदर बड़ा सवाल है.