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CBI ने 4.98 करोड़ के लोन घोटाले में दर्ज की FIR, जमीन के फर्जी कागजात देकर लिया गया था लोन

सीबीआई और एसीबी ने इंडियन ओवरसीज बैंक से चार करोड़ 98 लाख 43 हजार 698 रुपए के लोन घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की है. बता दें कि जमशेदपुर के टेल्को निवासी हरजीत सिंह ने अपनी दोनों कंपनियों से आयरन, मिनरल और ट्रांसपोर्टिंग कारोबार के लिए 40 लाख का कैश क्रेडिट लोन जमीन के फर्जी कागजात पर लिया था.

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Published : Aug 2, 2019, 11:50 PM IST

रांची: सीबीआई और एसीबी ने इंडियन ओवरसीज बैंक से चार करोड़ 98 लाख 43 हजार 698 रुपए के लोन घोटाले में एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई ने लोन घोटाले में जमशेदपुर के मेसर्स बालाजी ट्रेडर्स और मेसर्स एचएस इंटरनेशनल के संचालक हरजीत सिंह को आरोपी बनाया है.

डीएसपी कौशल किशोर सिंह को जांच का जिम्मा
हरजीत के खिलाफ रांची के रेडियम रोड ब्रांच के चीफ रीजनल मैनेजर मोती लाल ने सीबीआई-एसीबी में 29 जुलाई को शिकायत की थी. सीबीआई एसपी एसएन खान के आदेश पर मामले के अनुसंधान की जिम्मेदारी डीएसपी कौशल किशोर सिंह को दी गई है.

लोन के लिए मार्गेज रखा जमीन का पेपर निकला फर्जी
सीबीआई के एफआईआर में जिक्र है कि जमशेदपुर के टेल्को निवासी हरजीत सिंह ने अपनी दोनों कंपनियों से आयरन, मिनरल और ट्रांसपोर्टिंग कारोबार के लिए 40 लाख का कैश क्रेडिट लोन लिया था. दोनों कंपनियों के लिए 15 जून 2011 और 6 सितंबर 2011 को लोन लिए गए थे. लोन के बदले 13 मार्च 2011 को जमीन के कागजात को मोर्गेज रखा गया था. लेकिन लोन एनपीए होने के बाद बैंक ने जांच कराई तो पता चला कि लोन संबंधी जमीन के कागजात फर्जी हैं. ऐसे में जीरो मूल्य की जमीन के बदले लोन की राशि की निकासी हो गई.

कैसे लगाया 4.98 करोड़ का चूना
हरजीत सिंह के द्वारा बैंक से लगातार ओवर ड्राफ्ट सुविधा ली जा रही थी. शुरुआत में हरजीत ने दोनों कंपनियों से ओवर ड्राफ्ट का पेमेंट किया. इस दौरान उसने लोन पर ट्रांसर्पोटिंग के लिए पांच ट्रक खरीदे. लेकिन साल 2016 के आखिरी दिनों में ओवर ड्राफ्ट का पेमेंट बैंक को नहीं किया गया.

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सीबीआई दर्ज की प्राथमिकी
जांच में यह बात सामने आई कि हरजीत ने बैंक से मिले फंड को गलत तरीके से अलग-अलग खातों में डाइवर्ट कर दिया. बालाजी ट्रेडर्स के नाम पर 1.89 करोड़, जबकि एचएस इंटरनेशनल के नाम पर 2.78 करोड़ रुपए का कैश क्रेडिट हरजीत के नाम पर बकाया है. वहीं पांच ट्रकों के लोन से भी बैंक के करोड़ों की राशि फंस गई. जमीन के पेपर फर्जी होने के कारण बैंक इस राशि को वसूलने में भी अब सक्षम नहीं है. ऐसे में सीबीआई ने अब धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की है.

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