रांची: राजधानी के ओल्ड पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में 14 वर्ष की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में केयरटेकर को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है. गिरफ्तार व्यक्ति पुलिस गेस्ट हाउस का केयरटेकर अरविंद कुमार है. पुलिस की जांच में उसका नाम सामने आने के बाद लोअर बाजार थाने की पुलिस ने अरविंद को गिरफ्तार किया है.
अरविंद को थी मामले की जानकारी
दरअसल अरविंद कुमार पुरानी पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस केयरटेकर है. पुलिस का कहना है कि जिस रात नाबालिग छात्रा को गेस्ट हाउस लाया गया था, उस रात उसे पूरे मामले की जानकारी थी. इसके बावजूद उसने न तो गेस्ट हाउस के ऑफिशियल रजिस्टर में एएसआई राजकुमार शर्मा और न ही विपुल के आने की इंट्री की. दुष्कर्म के बाद जब सुबह नशे की हालत में छात्रा बदहवास मिली. तब भी अरविंद ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी. यही वजह है कि अरविंद को भी इस षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया गया है.
पीड़िता ने परेड में आरोपी को पहचाना
इधर पुलिस ने पीड़िता से टेस्ट आईडेंटिफिकेशन परेड (टीआईपी) के जरिए जेल भेजे गए एएसआई राजकुमार शर्मा सहित अन्य आरोपियों की पहचान कराई. छात्रा ने आरोपी एएसआई राजकुमार की पहचान की. टीआईपी कराने के लिए पुलिस मजिस्ट्रेट के साथ बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार गई थी, जहां मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में टीआईपी की प्रक्रिया पूरी की गई. बताया जा रहा है कि राजकुमार शर्मा के चेहरे पर पहले से ज्यादा दाढ़ी बढ़ गई थी. इसके बावजूद छात्रा ने एएसआई की पहचान की है. पुलिस इस परेड को अनुसंधान में शामिल करेगी. इस मामले में एएसआई राजकुमार शर्मा सहित अब तक 4 लोग जेल भेजे जा चुके हैं.
दुष्कर्म मामले में स्पीडी ट्रायल
नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में केस के अनुसंधानकर्ता को बदल दिया गया है. शुरुआत में अपहरण की धारा में मामला दर्ज कराया गया था, उस समय केस का अनुसंधानकर्ता एएसआई नरेश कुमार यादव को बनाया गया था. पीड़िता का बयान सामने आने के बाद पोक्सो और दुष्कर्म से संबंधित धारा भी जोड़ी गई है. पोक्सो की धारा होने की वजह से केस का अनुसंधानकर्ता बदलकर एएसआई की जगह सब इंस्पेक्टर को रखा गया है. इसके साथ ही रांची पुलिस ने इस मामले को स्पीडी ट्रायल चलवा कर दोषियों को सजा दिलाने का फैसला लिया है. पुलिस इस मामले में कोर्ट को स्पीडी ट्रायल के लिए अर्जी देगी.
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सस्पेंड हो चुका है आरोपी एएसआई
दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजे गए एएसआई राजकुमार शर्मा को रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने सस्पेंड कर दिया था. एएसआई पर लगे आरोप की पुष्टि कोर्ट में हो जाती है, तो विभागीय प्रक्रिया के अनुसार उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा. राजकुमार शर्मा सीसीआर में पोस्टेड था. आरोप है कि सबसे पहले पीड़िता से एएसआई ने ही दुष्कर्म किया था. उसने पीड़िता को बताया था कि रांची के एक प्रतिष्ठित होटल में उसका बीयर बार चलता है और वह पीसीआर में भी तैनात है. पुलिस का कहना है कि एएसआई के जाने के बाद पीड़िता के इंस्टाग्राम फ्रेंड विपुल ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद सुबह ओला कैब बुक करके पलामू के डाल्टनगंज भेज दिया था. जहां पीड़िता अपने परिचित दोस्त करण के यहां रूकी थी. इस घटना में शामिल विपुल और करण को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में पीड़िता का बयान सामने आने के बाद मामले में हलचल हुई और एसआई राजकुमार शर्मा पकड़ा गया.
पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई थी एफआईआर
पीड़िता के पिता के अनुसार नाबालिग बीते 12 अगस्त को ट्यूशन जाने के नाम पर घर से निकली थी. इसके बाद चारों आरोपियों के बहकावे में आकर ट्रैप हो गई थी और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. घटना को लेकर 13 अगस्त को नाबालिग के पिता की शिकायत पर अपहरण का केस लोअर बाजार थाना में दर्ज हुआ था. नाबालिग को बरामद करने के बाद सीडब्ल्यूसी के समक्ष 18 अगस्त को बयान दर्ज कराया गया था. उसी बयान में यह बात सामने आई थी कि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है. नाबालिग ने बताया था कि वह अपने इंस्टाग्राम दोस्त विपुल से मिलने के लिए पुरानी पुलिस लाइन के पास पहुंची थी. यहीं उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया. पीड़ित नबालिग झारखंड पुलिस के एक बड़े पुलिस अधिकारी के वाहन चालक की बेटी है.