रांची: झारखंड में नए साल में नए जोश के साथ झारखंड के लिए नासूर बन चुके नक्सलवाद का खात्मा ही झारखंड पुलिस की पहली प्राथमिकता है. झारखंड पुलिस मुख्यालय के स्तर पर नक्सल अभियान में तेजी लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे के निर्देश पर नक्सलियों और उनके समर्थकों को चिन्हित कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने की तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी गई है.
समर्थकों पर कार्रवाई
झारखंड पुलिस नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन तो चला रही है, जिसमें उन्हें लगातार सफलता मिल रही है. केवल 6 दिनों में झारखंड के लातेहार, लोहरदगा और पलामू से 15 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और पुलिस के लूटे हुए हथियार भी बरामद किए गए हैं. यहां तक कि लातेहार के चंदवा में पुलिस पर हमला कर पांच जवानों को मौत के घाट उतारने वाले 7 नक्सली भी नए साल में सलाखों के पीछे पहुंचा दिए गए. झारखंड पुलिस अब न सिर्फ नक्सलियों को दबोचने में लगी है, बल्कि उनके पनाहगार और उनके समर्थकों की लिस्ट भी तैयार कर रही है.
बताया जा रहा कि यह वो लोग हैं जो शहर और ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों को अपने घरों में पनाह देते हैं और पुलिस की सूचनाएं उन तक उपलब्ध करवाते हैं. झारखंड पुलिस के अनुसार ऐसे लोगों की वजह से पुलिस को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है, ऐसे में इन पर नकेल कसना बेहद जरूरी है.
नक्सल प्रभावित इलाकों को किया जा रहा चिन्हित
झारखंड के सरायकेला खरसावां, लातेहार, लोहरदगा और पलामू में इन दिनों नक्सलियों की गतिविधियां बढ़ी है. खासकर नक्सल संगठन इन दिनों रंगदारी वसूलने के लिए आगलगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. लोहरदगा में प्रेशर बम का प्रयोग कर नक्सली लगातार ग्रामीणों और पुलिस बल को निशाना बना रहे हैं. इन इलाकों के लिए पुलिस ने विशेष योजना बनाई है और एक विशेष रणनीति के तहत इन इलाकों में बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं.
साल 2019 में 36 मुठभेड़, 26 मारे गए
साल 2019 में झारखंड पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की 36 घटनाएं हुईं. इन मुठभेड़ों में 26 नक्सली मारे गए. हालांकि नक्सल हिंसा में आम लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ा. पुलिस के मुखबिर बताकर और दूसरी वजहों से 22 आम लोगों की हत्या नक्सलियों ने की थी. जबकि नक्सलियों ने दो को अगवा किया था. 2019 में नक्सलियों ने 13 धमाके भी किए, पुलिस पर चार बार हमला किया. कुल मिलाकर 130 नक्सली वारदातें पुलिस फाइल में 2019 में रिकॉर्ड की गई.
274 नक्सली गिरफ्तार
1 जनवरी से 31 दिसंबर 2019 तक चले नक्सल विरोधी अभियान में कुल 274 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई. इनमें से सबसे अधिक गिरफ्तारी 43 खूंटी जिले से हुई, जबकि 38 की गिरफ्तारी लातेहार से हुई. 1 साल में 12 नक्सलियों ने सरेंडर भी किया. वहीं लेवी (रंगदारी) के कुल 17 लाख 51 हजार भी बरामद किए गए. पुलिस ने अपने अभियान के दौरान सैक सदस्य, तीन जोनल कमेटी सदस्य, सात सब जोनल कमेटी और 13 एरिया कमेटी सदस्य को गिरफ्तार किया.
2019 की अन्य कामयाबी
नक्सल अभियान और मुठभेड़ों के बाद पुलिस ने पुलिस से लूटे गए 27 हथियार, 6 रेगुलर हथियार, 134 देसी हथियार, 8559 कारतूस, 248 लैंडमाइंस, 5313 डेटोनेटर बरामद किए, इसके अलावा पुलिस ने झारखंड के गिरिडीह में तीन बंकर ध्वस्त किए जबकि चाईबासा में दो नक्सल कैंपों को ध्वस्त किया.
किन-किन नक्सली संगठनों से कितनी हुई मुठभेड़
साल 2019 में राज्य के सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों से 67 बार पुलिस की मुठभेड़ हुई, जबकि टीपीसी से 24 बार पीएलएफआई से 22 बार ,जेपीसी से दो बार, एसआईएमआईएम से दो बार और जेजेएमपी से 13 बार मुठभेड़ हुई.
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पुलिस पर 2019 में हुए प्रमुख हमले
- 22 नवंबर 2019 की देर शाम लातेहार में पीसीआर वैन पर हमला कर माओवादी कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते ने चार पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया.
- 4 अक्टूबर 2019 को दशम फॉल के पास नक्सल अभियान के दौरान हमले में जगुआर के दो जवान शहीद हो गए
- 14 जून 2019 को सरायकेला के साप्ताहिक बाजार में कुख्यात महाराज प्रमाणिक के दस्ते ने पुलिस पार्टी पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया
पुलिस के सामने क्या है नई चुनौतियां
- झारखंड पुलिस मुख्यालय के तरफ से अभियान में लगे अधिकारियों और जवानों के लिए गाइडलाइंस जारी किया गया है. जिसमें यह बताया गया है कि उन्हें नक्सलियों की नई रणनीति के तहत कौन-कौन सी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
- झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रेशर बम है. नक्सली अब प्रेशर बम का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके इस्तेमाल से एक व्यक्ति को भी निशाना बनाया जा सकता है. लोहरदगा में इसकी चपेट की आने से पिछले साल कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. अभियान में लगे जवानों को प्रेशर बम से विशेष सतर्क रहने की हिदायत दी गई है.
- झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने यह भी सूचना दी है कि माओवादियों ने आक्रमक रूख अपनाते हुए अपना मोटरसाइकिल दस्ता बनाया है. यह दस्ता नक्सल प्रभाव वाले इलाकों बाजार और हाट में अचानक पुलिस बल पर हमला कर सकता है. सराइकेला, लातेहार और पलामू में इस तरह की वारदातें हो चुकी हैं इसलिए पुलिस वाले हमेशा सजग रहें.
- राज्य की खुफिया ब्रांच को यह भी सूचना मिली है कि माओवादी अपने पुराने युद्ध कौशल यानी गुरिल्ला युद्ध की प्रणाली को दुबारा अपनाकर झारखंड में बड़े हमला करना चाह रहे हैं ऐसे में वे पुलिस पर दूर से ही फायरिंग कर उन्हें निशाना बनाने की रणनीति पर काम कर रहे है.